Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

1.11.15

नदियों का अस्तित्व बचने के लिए आगे आने का अनुरोध किया गया

नदियों की दुर्दशा से व्यथित विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्त्ता, बुद्धिजीवी एवं छात्रों ने 'साझा संस्कृति मंच” के तत्वावधान में आज शाम अस्सी घाट पर परचा वितरण किया. हाथो में बैनर, तख्तियां और पर्चों के साथ नदियों के सरंक्षण के लिए सभी नागरिको को आगे आने की अपील की गयी. नदियों के सरंक्षण और पुनर्जीवन के पुनीत कार्य शामिल होने का आह्वान करते हुए कहा गया कि नदी में किसी भी किसी प्रकार गंदगी न स्वयं डालें न ही किसी को डालने दें.  इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि हम केवल सरकारी योजनाओ के भरोसे बैठे नही रह सकते, इन योजनाओं से नदियों को पुनजीवित करना संभव नही होगा, आम जनता और जन प्रतिनिधियों की भागीदारी के बिना यह संभव नही होगा. वाराणसी नगर निगम द्वारा भी ‘वरुणा’ के किनारे स्थान स्थान पर लगातार कूडा डाले जाने से स्थिति गंभीर हो गयी है, पुलों के उपर से लगातार कूड़ा डम्प किया जा रहा है वहीँ  तमाम नागरिकगण भी अपने घरों से पैकेट में भर कर पूजन अवशेष और अन्य सामग्रियां वरुणा और असि में डालते हैं यह कचरा अंततः गंगा में ही पहुंचता है ऐसे हम हम स्वच्छ गंगा की कल्पना बेमानी है.. नागरिको को आगे आकर नगर निगम द्वारा नदियों में कुडा डाले जाने का विरोध करना होगा.



            इस दौरान वक्ताओं ने  कहा कि गंगा को बचाने के लिए सहायक नदियों की व्यथा को भी समझना होगा. वाराणसी का नामांकरण 'वरुणा' और 'असि' दो नदियों के नाम से हुआ. इलाहाबाद के निकट से उद्गमित होकर वाराणसी के कन्दवा गाँव स्थित कुंड से होते हुए कर्दमेश्वर महादेव के चरण पूजन कर 'असि नदी' मां गंगा से मिलने के लिए आगे बढती है, अस्सी घाट के निकट असिसंगमेश्वर महादेव घाम पर इनका गंगा के साथ संगम होता है,  दुर्भाग्य से आज 'असि' अपने वजूद को खो चुकी है और एक दुर्गन्धयुक्त नाले में परिवर्तित हो गयी है. पौराणिक ग्रंथो की एक जीवंत नदी आज सरकारी दस्तावेजो नाला बना दी गयी है.  अतिक्रमण कर्ताओं, प्रदूषणकर्ताओं और भूमाफियाओं के दबाव में प्रशासन ने भी अपनी आँखे मूँद ली हैं उन्हें 'असि' की कराह सुनाई नही दे रही है और वे इसके अस्तित्व को पूरी तरह मिटाने पर आमादा हैं इसी प्रकार वरुणा भी कूड़ा पाटने और अविध अतिक्रमण से बुरी स्थित में है, इसके लिए आम जनता को संकल्प लेना होगा.

जन संपर्क अभियान के दौरान ही गंगा आह्वान के अन्तरगत तैराकों का अस्सी घाट पर पहुचने पर स्वागत किया गया.

 आज के अभियान में प्रमुख रूप से जागृति राही, प्रदीप सिंह, सूरज, बबिता, किरण गुप्ता, कमलेश, अन्नू, पूजा, ज्योति, रविन्द्र, नीलम पटेल, दीपक मौर्या, वल्लभ, विनय, सुनील आदि शामिल रहे.

No comments: