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5.11.15

वाह री कासगंज की मीडिया, दलाल पत्रकारों आपका शुक्रिया!

अमन पठान, एटा

मुझे यकीन था कि सच लिखने और बोलने की एक दिन सजा जरूर मिलेगी, लेकिन ये गुमान नही था कि झूठ बोलने वाले दलाल पत्रकार काबिल-ए-तारीफ हो जायेंगे। धन्य है कासगंज की मीडिया और धन्यवाद के पात्र हैं हिंदुस्तान एक्सप्रेस समाचार पत्र के पत्रकार महोदय!



जहाँ एक ओर कासगंज के पुलिस कप्तान हिमांशु कुमार अपने अधीनस्थ को बचाने का प्रयास कर रहे हैं तो वही कासगंज के कुछ पत्रकार ईमानदार पत्रकार को फंसाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। हिन्दुस्तान एक्सप्रेस के पत्रकार ने तो हद कर दी चापलूसी की? बस यही कारण है जो दिन प्रतिदिन पत्रकारिता का स्तर गिरता जा रहा है। आपसी फूट का पुलिस फायदा उठा रही है।

इसी चापलूसी के चलते पत्रकारों का उत्पीड़न ही नही बल्कि उन्हें कहीं ज़िंदा जलाया जा रहा है तो कहीं थाने में पीट पीटकर पुलिस हत्या कर रही है तो कहीं बीच चौराहे पर पुलिस अधिकारी पत्रकार को बेरहमी से पीट रहे हैं।  पुलिस की घूसखोरी का खुलासा करने वाले पत्रकार पर ही हिंदुस्तान एक्सप्रेस के पत्रकार ने ये आरोप लगाया है कि अमन पठान ने 15 हजार रुपयों में से 5 हजार रूपये खुद रख लिए और 10 हजार रूपये पुलिस को दिए। पुलिस से और पैसे मांगे पुलिस ने पैसे नही दिए तो टेप सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। ये सब जानते हैं कि पुलिस कितनी दूध की धुली होती है।

पत्रकारिता का नियम एक नियम ये भी है कि जब कोई पत्रकार किसी विवादित मसले पर समाचार प्रकाशित करे तो पक्ष और विपक्ष की पूरी बात रखे। एक पक्षीय खबर प्रकाशित न की जाये, लेकिन हिंदुस्तान एक्सप्रेस के पत्रकार ने पुलिस की बात तो प्रकाशित की जो सरासर झूठ है और पत्रकार से इस मसले पर बात करना भी उचित नही समझा कि उनका क्या कहना है। खैर लोकतंत्र है सबको अपनी बात स्वतंत्रता के साथ कहने का अधिकार है।
कासगंज पुलिसलिखा कप्तान ने अमन पठान पत्रकार के चरित्र को आपराधिक चरित्र बताया तो किसी पत्रकार ने सच का एक शब्द नही लिखा। अमन पठान ने एसपी से आरटीआई के तहत कई बिंदुओं पर जबाब माँगा है। ये भी कासगंज की मीडिया के लिए खबर नही थी। अमन पठान पर तमाम तरह से फैसले के लिए दवाब बनाया गया और जान से मार दिए जाने की पुलिस कर्मियों ने धमकी दिलवाई ये भी कासगंज की मीडिया के लिए समाचार नही था। समाचार तो अब बना जब पुलिस ने ये कह दिया कि अमन पठान ने 10 हजार रूपये एसएसआई को दिए और 5 हजार रूपये खुद रख लिए।

चलो मैं एक पल के लिए मान लेता हूँ कि मैंने 5 हजार रूपये लिए और दस हजार रूपये एसएसआई को दिए, लेकिन पत्रकार साहब उसका क्या करोगे जो सीओ सिटी शबीह हैदर को येदिया लिखित बयान देकर गया है कि मैंने कोई पैसा नही दिया। सेवा पर उसका ये कहना है कि वो मुल्ज़िम पकड़वाकर पुलिस की सेवा करेगा। वो बहुत जल्दी पाकिस्तान में बैठे दाऊद को पकड़वाकर पूरे विश्व में कासगंज पुलिस का नाम रोशन करेगा और हाँ पत्रकार साहब आप जिनकी हिमायत ले रहे हो। उन्हें प्रमोशन मिलेगा और वो सब बड़े अफसर हो जायेंगे। पुलिस की चापलूसी करने वाले पत्रकारों की फिर दुकान खूब चलगी।

सब मैं इतना ही कहूँगा और बात ख़त्म...

मैं सच्चाई ही लिखूंगा चाहें कट जाएँ उंगलियां सुनलें।
सौदा मरने के बाद भी होगा जाल में आईं मछलियाँ सुनलें।।

Aman
amanpathanetah@gmail.com

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