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20.11.15

‘भारत निर्माण अवार्ड 2015’- बस्तर के किसान डॉ. राजाराम त्रिपाठी को

जैविक खेती के जरिए एक लाभदायक खेती का मॉडल प्रस्तुत करने के लिए डॉ. राजाराम त्रिपाठी को ‘भारत निर्माण’ 2015 अवार्ड  पी.एच.डी चैम्बर्स के सभागार  दिल्ली में भव्य आयोजन में प्रदान किया गया।  यह प्रतिष्ठित अवार्ड भारत निर्माण व्दारा सन् 1980 से उन लोगों को प्रदान किया जाता है  जो भारत के निर्माण में अपना अतुलनीय योगदान दे रहे हैं। इससे पूर्व इस अवार्ड को श्रीमती इंदिरा गाँधी, श्री पी.वी. नरसिंहाराव, डा. कर्ण सिहँ, श्री दलाई लामा, श्री शंकराचार्य, श्रीमती कपिला वात्सायन, डा. लोकेश चन्द्रा, श्री अमिताभ बच्चन जैसे अपने क्षेत्र के महत्वपूर्ण व्यक्तियों को दिया गया है।





उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के कोण्डागाँव में कालीमिर्च, सफेद मुसली, स्टीवीया आदि की जैविक खेती की नई किस्में तैयार करने के लिए एवं इनकी सफल टिकाऊ खेतीे को आर्थिक रूप् से लाभदायक बनाने की दिशा में अभूतपूर्व प्रयास के लिए दिया गया है।  बस्तर जैसे  दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्र में पैदा हुए एवं पले-बढ़े डॉ. त्रिपाठी विगत 16 वर्षों से विलुप्त प्राय औषधीय एवं सुगंधीय पौधों की जैविक खेती पर अनुसंधान एवं कई प्रयोग कर रहे हैं। जैविक खेती के कार्यक्रम से बस्तर के कई स्थानीय आदिवासी परिवार जु़ड़े हुए हैं। भारत की खेती की शोचनीय दशा-दिशा आज किसी से छिपी नहीं हैं।

खेती की बढ़ती हुई लागत एवं दिनोंदिन उसमें होने वाले सिकुड़ते लाभ की विवशता से भारतीय कृषि एंव किसान दोनों ग्रस्त हैं। डा. त्रिपाठी का मानना है कि भारतीय कृषि का पुनरूत्थान एवं उसे इस आज की परिस्थिति के अंधकूप से  जैविक खेती के जरिए से ही निकाला जा सकता है और इसमें प्रगतिशील नई पीढ़ी के युवा किसानों की महत्वपूर्ण भ्ूामिका है। खेती के क्षेत्र में दिया गया यह अवार्ड अन्य युवाओं  को भी लाभदायक खेती की ओर रोजगार की ओर उन्मुख करेगा।

डा. त्रिपाठी को यह अवार्ड बोस्निया देश के राजदूत माननीय डा. साबित सुबैक एवं इरिट्रया देश के राजदूत माननीय श्री आलिम शोहाय डब्लू तथा श्री रवीन्द्र भंडारी अध्यक्ष भारत निर्माण , श्री महेश गुप्ता अध्यक्ष पी.एच.डी चैम्बर्स ऑफ कामर्स के हाथों प्रदान किया गया।   डा. त्रिपाठी ने इस अवार्ड अपने साथ जुड़े आदिवासी लगभग तीन सौ आदिवासी परिवारों तथा  टीम के सभी सदस्यों को समर्पित किया है। उल्लेखनीय है कि बस्तर ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ के किसी किसान को यह अवार्ड पहली बार प्राप्त हुआ है। डा.त्रिपाठी को मिले इस अवार्ड से पूरे प्रदेश के किसानों में हर्ष व्याप्त है।

प्रेस विज्ञप्ति

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