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2.4.08

रोजाना लिखने की है ठानी

यशवंत जी व सभी भड़ासी भाइयों को नमस्कार, वैसे तो मैं भड़ास पर कम ही लिखता हूं, लेकिन अब मैने भी ब्लाग पर कम ही सही लेकिन रोजाना कुछ न कुछ लिखने की जरूर ठानी है, इस पर लिखना थोडा कठिन तो लगता है, लेकिन आदत पड जाएगी
अमरदीप गुप्ता दैनिक भास्कर, लुधियाना

6 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

अमरदीप जी,कुछ भी कठिन नहीं रह जाता अगर एक बार मन में पूरी ताकत से ठान लिया जाए,स्वागत है आपका और साथ ही आपके विचार के लिये साधुवाद आपको; हर रोज़ इंतजार रहेगा अब आपकी पोस्ट्स का.....
कुछ भी लिखिये मणिपुर से लेकर मायावती तक और गाड़ी से झाड़ी तक.....
अगर कोई दिक्कत हो तो बंदा हाजिर है

Ankit Mathur said...

अमरदीप जी, कई बार ऐसा लगता है, कि लिखना
कुछ मुश्किल हो रहा है, लेकिन यदि आप अपने विचारों को केन्द्रित करके आधा घंटा भी रोज़ निकाल सकें तो आपका यह ध्येय काफ़ी आसानी से
साध्य है।
आपका स्वागत है, और अनुरोध कि अपनी लेखनी से भडास पर कुछ रोचक लिखते रहें।
धन्यवाद...
अंकित माथुर...

Anonymous said...

जी बिल्कुल सही कहा है डाक्टर साहब और अंकित भैया ने...अमरदीप भाई आप का जोरदार स्वागत है,रोज लिखो.जैसा देखो वैसा लिखो...हम सब आप के साथ हैं.

यशवंत सिंह yashwant singh said...

ji, zarur, likhte rahiye.
yashwant

अनिल भारद्वाज, लुधियाना said...

AMARDEEP
ALL THE BEST.KEEP IT UP.I WILL WAIT DAILY FOR YOUR PIECE.
WITH LOTS OF LOVE.
--Anil Bharadwaj
9417487280

अनिल भारद्वाज, लुधियाना said...

AMARDEEP
ALL THE BEST.KEEP IT UP.I WILL WAIT DAILY FOR YOUR PIECE.
WITH LOTS OF LOVE.
--Anil Bharadwaj
9417487280