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12.8.08

भड़ास बिरादरी के सभी भाइयों को नमस्कार , उम्मीद है सब राजी खुशी होंगे । पन्दरह अगस्त की बधाई देने की सोच रहा था मगर कुछ देर पहले सुने एक दोस्त की कविता ने रोक लिया ।कविता की शुरुआत कुछ यूँ थी । हर कोई परेशान है हर कोई त्रस्त है , मारो पटक के जो कहे पन्द्रह अगस्त है। सुना है आज इंडिया न्यूज़ वालों ने चालीस साथियों को बहार का रास्ता दिखा दिया । उनके लिए तो आजादी पर ऐसा ही गुस्सा होगा मन में ।

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