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7.5.09

ये युवा .......जो कुछ करना चाहते हैं......!!!!

ये युवा .......जो कुछ करना चाहते हैं......!!!!

मैं भूत बोल रहा हूँ..........!!
दोस्तों..!! चालीस के लपेटे में आया हुआ आदमी क्या वही सब सोचता है,जो आज मैं आज सोच रहा हूँ...!!
आज अहले सुबह जब सैर को निकला......तो भोर की प्राकृतिक छठा के साथ और भी कई पहलु देखने को मिले.... यूँ तो रोज ही यह सब देखने को होता है.....,मगर सब कुछ को रोज--रोज देखते हुए रोज नए विचार मन या दिमाग में आते है....हैं ना......!!
रोज नए युवा होते बच्चों को देखता हूँ....रोज जिन्दगी के नए-नए रंग इनमें फूटते देखता हूँ.....!!....रोज इक नई आस मुझमें जग जाती है....!!
बूढे लोग चाहे जितना अतीत की अच्छाईयों को याद करते हुए वर्तमान को कोसें.....अथवा आगत की भयावह कल्पना करें....और हमें सावधान करें.....मगर इतना तो जरूर है कि हर आने वाले युवा ने ही मानव के विकास का रास्ता प्रशस्त किया है....बेशक यह विकास महज भौतिक साधनों का विकास हो....या विवादित ही सही....मगर इस विकास के आम वो लोग भी हर पल चूसते हैं,जो हर पल इस विकास की आलोचना करते नहीं थकते....!!
हर आने वाला नया युवा इक नई सोच.....नई ऊर्जा......नई उमंग.....नई गति.....नई खुशबू से भरा होता है....!!और अगर हम गौर से देखें तो जिन युवाओं को हम लगातार उपदेश देना चाहते हैं......उनसे हम ख़ुद भी बहुत-कुछ सीख सकते हैं.....सच तो यह है.....हम सब एक-दूसरे से बहुत-कुछ सीख सकते हैं.......!!
आदमी-आदमी के बीच बहुत-कुछ देना लेना सम्भव है....बेशक यह बात अलग है कि हम क्या देते हैं.... या क्या लेते हैं.....दरअसल हर जगह रचनात्मकता की गुंजाईश होती है.....बेशक अपनी नादानियों से हम हर जगह को मलिन बना डालते हैं......!!
सवेरे की सैर.......सामने से आते युवाओं का जमावडा.....उनकी बातें......जौंगिंग करते हुए.....भागते हुए ...दौड़ते हुए अपने-आप को फिट रखने की कवायद करते ऊर्जा से परिपूर्ण ये युवा.....साईकिलिंग करती लडकियां .....और उनकी बातें......!!.........कभी-कभी उनकी बातें...इन सबकी बातें....इनका ज्ञान आप सुनाने की चेष्टा करें (बेशक किसी की बात चुपके से सुनना ग़लत है)तब पता चले कि प्रति-पल नए होते जाते ज्ञान की दुनिया में आप कहाँ हो.....!!
........और यही सब कुछ सुनना यह संतुष्टि देता है कि दुनिया बेहतर हाथों में है....और बेशक हमसे भी बेहतर और सटीक हाथों में.....यह पीढी सिर्फ़ कैरियर की तलाश करती बेरोजगार पीढी नहीं है,बल्कि दुनिया के लिए नए सपनों....नए अर्थों को तलाश करती पीढी है.....!!
और सच यह भी है कि इनके बाद....उनके बाद.....और उनके भी और बाद नई पीढी प्रतीक्षारत है....यह प्रकृति है....और इसमें हर पल नया घटित होने को है.....हो रहा है....और इस आगामी पीढी को मेरा महज यही संदेश है.....बढे चलो-बढे चलो.....अतीत की बात पर मत कलपते रहो.....प्रत्येक नए पल का स्वागत करो....उसका स्वाद लो.....हाँ मगर जिन्दगी की सच्चाईयों से सदा रु--रू रहो.....और मानवता के प्रति अपने कर्तव्यों को कभी मत भूलो.....क्योंकि कल सिर्फ़ तुम्हारा नहीं......कल सबका है.....और इस पर सभी का उतना ही हक़ है....जितना कि तुम्हारा ख़ुद का....है ना दोस्तों.....मेरे युवा दोस्तों.......!!
http://baatpuraanihai.blogspot.com/

2 comments:

rakesh said...

yuva man chanchal hota hai

Unknown said...

bhootji aap ki lekhni prakhar hai
aur satat srijansheel hai BADHAI