आगरा मे घोर संकट आया हुआ है.... किसी भी चीज़ के लिए पानी नही है हर तरफ़ हाहाकार मचा हुआ है... यमुना एक पतली नाली का रूप ले चुकी है उसमे अब कुछ भी नहीं बचा है... पानी के लिए लडाई हो रही है हर तरफ़ बुरा हाल है॥
कुछ इलाको मे दिन मे ३ बार पानी आता है, वो लोग पाइप लगाकर अपना घर धोते है, और कुछ जगह पन्द्रह - पन्द्रह दिन तक पानी नही आता है, वहां लोग नहाने के लिए पानी की तलाश करते है। मैं भी ऐसे ही इलाके मे रहता हूँ जिसे "नाई की मंडी" कहते है, यहाँ पर पानी "शाहगंज वाटर टेंक" से सप्लाई होता है, हम सुबह तीन बजे उठते हैं और फिर पानी आने का इंतज़ार करते है, अगर पानी आता है तो सिर्फ़ चौराहे के पास जिनके घर है उन्हें मिल जाता है क्यूंकि उसमे इतना प्रेशर नही होता की वो अन्दर तक पहुच सके, आख़िर मे यह होता की "नाई की मंडी" के बीच मे पड़ने वाले "छोटा गालिब पुरा" के लोगो को जो तीन बजे सुबह से जाग रहे थे उन्हें सिर्फ़ दस से पन्द्रह मिनट पानी मिलता है... आगे पढ़े.....
26.5.09
आगरा मे घोर संकट...!!
Posted by काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif
Labels: submersible, पानी, पानी की कमी, बोरिंग
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1 comment:
bhai agli jang pani ke liye hogi...baap rye baap soch kar darr lagta hai.....
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