ना चोटी सर पे , न सजदे का माहताब माथे पे ,
कड़ा नही है कलाई में , और न है गले में सलीब कोई !!!
जलाएं उसे या दफन कर दे ?
तफ्तीश हो रही है !!!!
10.10.09
एक लाश
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अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
ना चोटी सर पे , न सजदे का माहताब माथे पे ,
कड़ा नही है कलाई में , और न है गले में सलीब कोई !!!
जलाएं उसे या दफन कर दे ?
तफ्तीश हो रही है !!!!
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