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14.10.09

दशहेरा या बुराई....................................

यूँ तो दशहेरा एक पावन पर्व है आज के दिन श्री रामजी ने रावण को मार कर बुराई पर विजय प्राप्त की थी परन्तु क्या कभी किसी ने सोचा है की यह रावण था कौन?रावण को लोग एक राक्षस के रूप मैं जानते हैं परन्तु रावण एक राक्षस नही बल्कि एक महान योद्धा था!रावण एक वीर पुरूष और भगवान् शंकर को मानने वाला एक अपार और उनका परमप्रिय भक्त था!अपने आप को परम शक्तिशाली और अपने शासन को बढाने की उसकी लालसा ने उसको अहंकारी बना डाला, परन्तु इसके उपरांत भी रावण ने कभी ग़लत कार्यों का साथ नही दिया.रावण ने जब सीता का अपहरण किया तो उसके पीछे भी बदले की एक भावना थी ,

यही वो वक्त था जहा से रावण का बुरा samay शुरू हो गया और रावण ने सीता का अपहरण तो किया परन्तु यह अपहरण रावन ने नही एक भाई ने किया !रावण ने अपनी बहन की रक्षा की खातिर फ़िर अपना राज्य,अपना वंश और अपने प्राण भी danv पर लगा दिए.यहाँ आपको बताना चाहूंगी की आज के samayaमैं जब एक भाई, भाई का दुश्मन है,वहां रावण ने अपनी बहन की इज्ज़त key लिए ख़ुद को भी मरना मंज़ूर किया ! गौर करने लायक बात तो यह है की इतने दिन सीता को अपने पास रखने के उपरांत भी रावण ने सीता को हाथ तक नही लगाया , दूसरी तरफ़ भगवन श्री राम ने न केवल सीता की अग्निपरीक्षा ली बल्कि मात्र एक धोबी के कहने से अपनी पत्नी को घर से बाहर भी निकाल दिया .असली कहानी तो यहाँ से शुरू होती है!

दरसल मैं यहाँ सिर्फ़ इतना कहना चाहूंगी की आज के समय मैं भगवान् श्री राम जेसे कितने ही पति मिल जाएँगे जो अपनी पत्नी से प्यार तो बहुत करते हैं परन्तु मात्र एक शक से ही उन्हें घर से baahar का रास्ता दिखा देते हैं मगर रावण जेसा भाई कहा से लायेंगे जो अपनों की रक्षा के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा देता हे ! आज कितनी ही लड़कियां बलात्कार का शिकार होती हैं आज भी उनके भाई उनके लिए लड़ते हैं उनके लिए अपनी जान पर खेलतें हैं परन्तु बदले मैं हमारा कानून उन्हें जेल की सलाखों का रास्ता दिखाता है.कहने का तात्पर्य सिर्फ़ इतना है की उस राम को हमारे समाज मैं इज्ज़त मिलती है जो अपनी पत्नी को घर से बहार निकाल देते हैं और जो भाई अपनी बहन के सम्मान की रक्षा करते हैं उन्हें आज भी वही आग नसीब होती है जिसमे रावण आज भी जल रहा है। और आने वाले न जाने कितने दश्हेरों तक जलता रहेगा ! अन्ताथा आप सभी से मेरा अनुरोध हैं की दश्हेरे के दिन रावण को नही बुराई को जलाएं,दहेज़ प्रथा को जलाएं , गरीबी को जलाये, और नफरत को जलाये! जय हिंद !

1 comment:

Gwaliornama said...

Bahut Aaccha Likha Hai Aapne, Main aapse Sahmat Hoon.