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27.4.10

महेंद्र के छायाचित्र

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पाठक
साथियों नमस्कार
जीवन
में
बहुत सारी भागादौड़ी है मगर एक बात साफ़
है कि हमारा भी दिल करता है कुछ समय निकाल कर हम फुरसत में कहीं घूमने
जाएँ. यहाँ अपनी माटी अपनी अमूल्य प्रकृति के कुछ छायाचित्र पोस्ट कर रहा
है ये एक सिलसिला........... छायाकार हैं: महेंद्र -9829046603
..उन्हें

अपनी राय जरुर दीजिएगा.,ताकी सफ़र जारी रहे.


ब्रमपुत्र नदी ,गुहावटी में नौका विहार करते हुए। नदी के बीच एक बहुत पुराना टापू और मंदिर है.इसी शहर में कामाख्या देवी का मंदिर भी लोकप्रिय है
कोहिमा के बीच बनी नागालेंड विश्वविद्यालय के आलम में बनी रोड ,भरपूर हरियाली.
कोहिमा के संग्रहालय में पड़ी तोफ,जो कभी इतराती थी अपनी ज़वानी पर,एक दिन सभी को यहीं पहुचना है.
कोहिमा संग्रहालय का एक नमूना
संग्रहालय से जुटाया एक और रूप

कोहिमा में पर बसा जीवन
कोहिमा की संकड़ी सड़कें
कोहिमा का शहीद पार्क
कोहिमा का आदामी,मुश्किल से मिला,यहाँ केवल औरतें ही नज़र आती है। आदमी बाहर रहते हैं.

नागालेंड  विश्व विद्यालय की हरीयाली और रास्ता
कलाकारों की एक कार्यशाला में टकटकी लगाई विद्यार्थी ,ऐसा ध्यान चाहिए ,लड़किया कलाकार पर ध्यान लगाती है,और आजकल के लडके लड़कियों पर ,होना क्या,लड़कों के नंबर कम ही आयेंगे ना.
नागालेंड विश्व विद्यालय  का खेल मैदान ,आओ मिलकर खेलें ऐसा खेल जो मैच फिक्सिंग से जुड़ा नहीं हो.
हमारी मिट्टी की एक तस्वीर जो  बरसात के दिनों में बहुत करीब से ली गयी है.
आओ मिलकर हम भी तम्बू गाड़े,करें साकार स्वार्थ अपने,शरमाने  की बात नहीं है,दुनिया लगी है सारी अब तो तम्बू लगाने में अपने अपने

संकलन
माणिक 

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