मेरठ प्रेस क्लब को गलत ढंग से ५०० रूपये में निजी कार्यक्रम आयोजकों को दिया जा रहा है। जबकि इसको केवल प्रेस वार्ता के लिए ही दिया जा सकता है। उपरोक्त चित्र में एक कार्यक्रम में किताब का विमोचन किया गया जबकि एक अलग कार्यक्रम में निजी काव्य गोष्टी आयोजित की गयी। ५०० रुपए की आड़ में हुए एक बड़े घटनाक्रम का पर्दाफाश शीघ्र होने की आशा है।
20.4.10
५०० रुपए में मेरठ प्रेस क्लब को "बेचा" जा रहा है.
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1 comment:
ji sahi kahte ho
yah media wale bhi jane kya kya karte hai paise ke lalach me
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