Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

21.8.10

तेरे करम से मेहरबान हुए हम

प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का मीडिया सम्मान समारोह गोरखपुर में २० अगस्त को आयोजित किया गया। संयोग से कार्यक्रम की कवरेज में मेरी ड्यूटी लगी थी। जब मैं वहां पहुंचा तो दंग रह गया। जिन्हें सम्मानित करने के लिए बुलाया गया था उनमें से अधिकतर लोग नहीं पहुंचे लेकिन बिन बुलाये पत्रकारों कि तादात काफी थी. जो पत्रकार उधर से गुजर रहा था और उसे पता चला कि मीडिया सम्मान समारोह हो रहा हैं वह भी पहुंच गया। इतना ही नहीं जो पत्रकार नहीं थे और मीडिया में कार्यरत थे वे भी पहुँच गए थे। वहां अराजकता का माहोल था। सम्मान लेने के लिए अफरा तफरी मची थी। आयोजक भी अनचाहे मीडिया कर्मियों को देखकर हैरान थे। लेकिन उनकी मेहरबानी यह कि मीडिया के नाम पर जो भी पहुंचा उसे सम्मानित कर दिया। एक लाइन से खड़ा कराकर सभी को स्मृति चिन्ह व् कुछ पुस्तकें भेंट क़ी गयीं। हाथों में स्मृति चिन्ह लिए लाइन से खड़े मीडियाकर्मियों का चेहरा ख़ुशी से दमक रहा था। वे खुश थे और परम आनंदित. उनके चहरे पर तृप्ति के भाव थे। वासना जब बहुत सघन होती है तो उसी अनुपात में तृप्ति भी मिलाती है। उनकी ख़ुशी देखकर एक कोने में बैठा मै भी खुश था। तभी आयोजकों को पता चला कि मै भी पत्रकार हूँ। फिर क्या मुझे भी पकड़कर सम्मानित कर दिया गया। मेरे बाद भी कुछ पत्रकार पहुंचे उन्हें भी सम्मानित कर दिया गया। जो भी पहुंचा सभी सम्मानित हुए। मेरी जिज्ञाषा जगी कि आखिर पत्रकारों को सम्मानित क्यों किया जा रहा हैं। चूकि मुझे रिपोर्टिंग करनी थी इसलिए सम्मानित होने का कारण जानना आवश्यक था। आयोजकों से जब मैंने कारण जानने कि कोशिश की तो वे सिर्फ मुस्कराकर रह गए.

No comments: