- संतोष सारंग
आजकल पूर्वोत्तर में पत्रकारिता का घिनौना खेल चल रहा है. गुवाहाटी में दो निजी चैनल आपस में लड़ रहे है, जिसे घर बैठे दर्शक बड़े चाव से देख रहे हैं. ये चैनल हैं- न्यूज लाईव और डीवाई ३६५. न्यूज़ लाईव की मालकिन हैं आसाम सरकार के एक प्रभावशाली मंत्री डॉ हेमंत विश्वशर्मा की पत्नी यानि एक असमिया, जबकि डीवाई ३६५ के मालिक हैं उत्तर प्रदेश के देवरिया निवासी चंद्रकांत जयसवाल यानि हिन्दी भाषी,जिन्हें विश्व शर्मा ने अपने चैनल पर बिहारी कहकर असमिया बनाम बिहारी का जंग छेड़ दिया है. एक-दो दिन से इन दोनों चैनलों के दर्शक न्यूज़ का तरका कम देख रहे हैं, क्योंकि ये दोनों चैनल एक-दूसरे के खिलाफ जहर उगल रहे हैं. इन दोनों चैनलों में लडाई के पीछे यहाँ के एक युवा किसान नेता व आरटीआई पुरस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्त्ता अखिल गोगोई है. गत कुछ दिनों से अखिल डॉ. विश्वशर्मा की काली करतूतों का चिट्टा सरेआम खोलते रहे हैं. अखिल के इस जीवटता को यहाँ की कुछ मीडिया ने अच्छा कवरेज दिया है. इसमें डीवाई ३६५ भी शामिल हैं. इस चैनल ने भी अखिल को खूब दिखाया. इससे बौखलाए मंत्री महोदय ने एक कार्ड खेला. बिहारी बनाम असमिया. मंत्री ने अपने चैनल पर एक दिन में दर्जनों बार डीवाई ३६५ के मालिक को बिहारी, बिहारी कहकर असमिया लोगों की भावनायों को भड़काने की कोशिश की. बस क्या था. डीवाई ३६५ के मालिक ने भी अपने चैनल पर दिन भर पूरा का पूरा पॅकेज ही समर्पित कर दिया मंत्रीजी को. मंत्री की पोल-पट्टी का फाईल फोटो और स्टोरी दिखाने लगा यह चैनल. इस मुद्दे पर इस चैनल ने परिचर्चा, लोगों का मंतव्य आदि दिखाना शुरू किया. डीवाई के साथ भाजपा और आसू नामक संगठन भी खड़ा हो गया है. उधर मंत्री का चैनल भी डीवाई ३६५ के खिलाफ बिहारी बनाम असमिया मुद्दे पर असमिया लोगों की भावनायों को भड़काने में लगा हैं. पत्रकारिता छोड़कर एक-दूसरे को गाली देने में लगे ये चैनल एक नई तरह की पत्रकारिता का आगाज किया हैं. यह पीत पत्रकारिता से भी दो कदम आगे हैं. अब देखना हैं दोनों निजी चैनलों की इस आपसी लडाई को दर्शक कैसे लेते हैं.
(लेखक सिटीजन जर्नलिस्ट अवार्ड से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता एवं अप्पन समाचार के संस्थापक हैं.)
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