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6.8.10

हजारों मौतों का कौन होगा जिम्मेवार?

नारायण परगांई देहरादून,6 अगस्त। निदेशक प्रशासन पद पर आईएएस की नियुक्ति को लेकर शासन और डाक्टरों के बीच गहरी खाई पैदा हो गई है। एक तरपफ जहां डाक्टरों ने प्रदेश भर की ओपीडी सेवाओं को तीन दिन के लिए कार्यबहिस्कार कर दिया है वहीं शासन की बेरुखी के चलते प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में आने वाले लाखों मरीजों पर भी मौत का साया मडरा गया है। इससे पूर्व भी डाक्टर प्रदेश सरकार से अपनी मांगों का लेकर आन्दोलन का बिगुल बजा चुके हैं और हर बार सरकार को बैक पुट पर आना पड़ा है। लेकिन इस बार निदेशक प्रशासन पद पर आईएएस की नियुक्ति को लेकर डाक्टरों व शासन के बीच तलवारें खिंच गई है। डाक्टरों के कार्यबहिस्कार किए जाने से सरकारी अस्पतालों में जहां मरीजों को भारी परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है। वहीं अस्पतालों में ओपीडी सेवाओं के बध्ति रहने से दुर्घटना के शिकार हुए हजारों मरीज अपनी जान भी खो सकते हैं। तीन दिन की ओपीडी सेवाएं बध्ति रहने से पूरे प्रदेश भर में करीब उक हजार से अध्कि मरीज अपनी जान गवा सकते हैं। सह वह आंकड़ा है जो अस्पतालों में इलाज को लेकर रोजाना आना जाना किया करता है। सदि प्रदेश में तीन दिन की ओपीडी सेवाएं बध्ति होती हैं तो पूरे प्रदेश में स्थिति बेकाबू भी हो सकती है। जिसका नुकसान प्रदेश की भजपा सरकार को जनता के घस्से के चलते उठाना पड़ सकता है। आज ओपीडी सेवाओं के पहले दिन कार्यबहिस्कार किए जाने से स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह चरमरा गई। वहीं डाक्टरों के प्रतिनिध् िमंडल की वार्ता भी पूरी तरह विपफल रही। प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं डाक्टरों के कार्य बहिष्कार के चलते बंद रही। जिस कारण दूर-दराज से आए मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अपनी मांगों को लेकर प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ से जुड़े प्रदेशभर के डाक्टर आज तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार पर रहे। सरकारी अस्पतालों में इमरजंसी सेवाएं भी पूरी तरह बध्ति रहीं। जिस कारण मरीजों को जहा ंपरेशानियों का सामना करना पड़ा वहीं डाक्टरों के कार्यबहिस्कार के चलते अस्पताल प्रशासन भी डाक्टरों की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही कर सका। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. एसडी जोशी ने कहा कि सरकार लगातार उनकी जायज मांगों को अनसुना करती आ रही है और निदेशक प्रशासन के पद पर आईएएस पीयूश सिंह को बैठाए जाने का डाक्टर विरोध् कर रहे हैं लेकिन इसके बाद भी आईएएस की तैनाती किया जाना डाक्टरों के हितों के साथ खिलवाड़ उहै जिसका प्रभाव टिक्कू कमेटी की लागू होने वाली शिपफारिसों पर भी पड़ सकता है। प्रांतीय चिकित्सा सेवासंघ के महासचिव डा. डीपी जोशी ने कहा कि प्रदेश सरकार टिक्कू समिति की सिपफारिशों को भी अभी तक प्रदेश में लागू नहीं कर पायी है। और अब निदेशक प्रशासन के पद पर आईएएस की नियुक्ति कर अपनी मनमानी कर रही है। जबकि निदेशक प्रशासन के पद पर आईएएस को नहीं बैठाया जा सकता। पूर्व में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने भी इस पद पर आईएएस का न बैठाये जाने की मजूरी दी गई थी। उन्होंने कहा प्रदेश भर के डाक्टरो। की हड़ताल की चेतावनी के बरद भी प्रदेश सरकार निदेशक पद पर किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं बैठाना चाह रही जबकि निदेशक पद पर आईएएस के बैठ जाने से डाक्टरों के ऊपर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। वहीं प्रदेश भर की ओपीडी सेवाओं के बध्ति रहने से मरीजों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कनदेशक प्रशासन पद पर तैनात किए गए आईएएस पियूष सिंह को उनके पद से देर शाम तक हटाया जा सकता है। क्यिोंकि प्रदेश सरकार किसी भी कीमत पर डाक्टरों से पंगा नहीं लेना चाहती।

1 comment:

Aruna Kapoor said...

डॉक्टर्स और प्रशासन...अपनी अपनी बात पर अडे हुए है!... लेकिन निरअपराध जनता को क्यों सजा मिल रही है?... डॉक्टर के समय पर उपलब्ध न होने की वजह से मरीज मौत के मुंह में जा सकता है!..क्या यह बात डॉक्टर और प्रशासन समझतें नहीं है?... मै इस लेख का समर्थन करती हूं!