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1.9.10

कामन वेल्थ झेल का थीम गीत…

कृपया धुन के लिये प्रदीप जी का लिखा प्रसिद्ध गीत

“आओ बच्चो तुम्हे दिखाये, झांकी हिन्दुस्तान की, इस मिट्टी से तिलक करो ,
ये धरती है बलिदान की”
पर निम्न पन्क्तियों को समायोजित करने का प्रयास करें…

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आओ तुमको कथा सुनाये, नेता जी के चमत्कार की.
खेल खेल में पैसा झपटा, लोगो ने हाहाकार की.
टैक्स भी ले लिया…. काम भी नही किया.
टैक्स भी ले लिया…. काम भी नही किया.

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ये देखो इस सडक का गड्ढा, पहले थोडा हल्का था.
पानी तो भर जाता था, पर फिर भी ट्रैफिक चलता था.
साईड का खंबा टेढा था, पर बल्ब भी थोडा जलता था.
सडक खोद दी, बल्ब फोड दिया, चलने वाला डरता था.
सारे गड्ढे सडक हो गये, माया है झोलम झाल की.
खेल खेल मे पैसा झपटा, लोगो ने हाहाकार की.
बल्ब भी खा गया, खंबा भी खा गया.
बल्ब भी खा गया, खंबा भी खा गया.

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ये देखो इस पुल पर पहले, गाडी ठीक से जाती थी.
हिचकोले से खाती थी, और गिरते पडते जाती थी.
कलेजा मुह को आता था, और जान पर बन आती थी.
ना जाने क्यों अक्सर फिर, जुर्माना पर्ची कट जाती थी.
अब तो पैदल जाता हूं मै, जय हो जाम महान की.
खेल खेल मे पैसा झपटा, लोगो ने हाहाकार की.
पुल भी बंद हुआ, और रोड भी बंद हुआ.
पुल भी बंद हुआ, और रोड भी बंद हुआ.

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ये देखो एक ट्रैक बडा सा, साइकल के लिये बनाया था.
एड्वैंचर सा लगे इसलिये, थोडा कम घिसवाया था.
साइकल बढिया चले इसलिये, ट्रैफिक को रुकवाया था.
पहले दिन जब चली साइकले, लोगो को बुलवाया था.
एक अस्पताल, दो गड्ढे मे, जय हो ट्रैक की शान की.
.खेल खेल मे पैसा झपटा, लोगो ने हाहाकार की.
लोगो का क्या करना, मेरा ट्रैक तो टैस्ट हुआ.
लोगो का क्या करना, मेरा ट्रैक तो टैस्ट हुआ.

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ये देखो एक मशीन प्यारी, खेलो के लिये लगाई है.
केवल बालिग खेले इसको, गजब खेल खिलाई है.
अतिथियो के लिये एस्कार्ट्, बाहर से मंगवाई है.
“यूज” करें प्लीज आप इसको, बातें भी सिखाई हैं.
इन खेलो का नाम ना लेना, बातें हैं ये ज्ञान की.
खेल खेल मे पैसा झपटा, लोगो ने हाहाकार की.
मूसली पावर दम.. पहलवान हैं हम.
मूसली पावर दम.. पहलवान हैं हम.

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चोट लगे जो खेलो मे तो, हम सिकाई करवायेंगे.
ढाई हजार की मशीन को हम, चार लाख मे लायेंगे.
इस्तेमाल वो हो ना हो हम, लाभ तो बतलायेंगे.
कुछ तो हमको खाने दो, हम कामन वेल्थ करायेंगे.
बाकि सब पर ध्यान न दो, लाज रखो देश सम्मान की.
खेल खेल मे पैसा झपटा, लोगो ने हाहाकार की.
खा गये देश का धन… खा गये देश का धन.
खा गये देश का धन… खा गये देश का धन.

1 comment:

baddimag said...

bahut khoob barhthawal jee...lage raho