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3.9.10


ग़ज़ल

जबसे बड़ों ने बड़प्पन छोड़ दिया
बच्चों ने सम्मान करना छोड़ दिया.

बंद कमरों में ज्ञान किसको मिला है
बच्चों ने अब कक्षा में बैठना छोड़ दिया.

बड़े होने की तमन्ना में
बच्चों ने बचपना छोड़ दिया.

वैश्वीकरण ने ऐसा मौसम बदला
बच्चों ने घर का खाना छोड़ दिया  

बराबरी के सिंहासन की होड़ में 
सबने विनम्रता का गहना छोड़ दिया.

कैसे गुजरेगी उम्र की आखिरी शाम " प्रताप "
अपनों ने सहनशीलता ओढ़ना छोड़ दिया.

प्रबल प्रताप सिंह

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