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8.9.10

साधक की कलम से

राज्य में पिछली राजग सरकार उस वक्त बिखर गयी थी जब राजग में शामिल हुए घटक झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने सीएम पद को लेकर फजीहत पैदा कर दी थी. उस वक्त यह फार्मूला निकाला गया था मुख्यमंत्री पद भाजपा के पास रहेगा और झामुमो तथा आजसू सरकार को समर्थन करेंगे. लेकिन उस वक्त हालात ऐसे हो गये थे कि कोई भी फार्मूला सफल नहीं हुआ और केन्द्र ने 1 जून 2010 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया.
फ़िर मुण्डा के हाथ में, सत्ता की हो कमान. बनते हैं आसार ये, झारखण्ड में मान. झारखण्ड में मान, पुनः नासमझी छाये. जान जायें तब भी कोई समाधान ना पायें. कह साधक फ़िर डोर छोङ, ईश्वर के हाथ में. सत्ता की है कमान, फ़िर मुण्डा के हाथ में.

पुरुषों की साक्षरता जहां दर 76.9 फीसदी है वहीं महिलाओं की मात्र 54.5 फीसदी। हालांकि वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार महिला साक्षरता दर में 14.38 फीसदी और पुरुष साक्षरता दर में 11.13 फीसदी की वृद्धि हुई। देश में साक्षरता दर बढ़ने के बावजूद तेजी से बढ़ती आबादी के कारण हर दशक में निरक्षरों की संख्या बढ़ती जा रही।तमामे दावों के बावजूद हकीकत यह है कि अब भी करीब दस करोड़ बच्चे स्कूल से दूर हैं। इनमें बड़ी संख्या में बाल श्रमिक और अपंग हैं।
पूरी धरती आतंकित है पढे-लिखों के कारण. बेहतर है अनपढ रहना, शिक्षा है लूट का कारण.
शिक्षा लूटना सिखलाती, कानून ही दे आधार.
सारी व्यवस्था चौपट है, पाया शिक्षा का सार.
कह साधक मजबूरी है, शिक्षा देनी ही पङती.
लूट में आगे बढना है, चाहे बिखर ही जाये धरती.

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