मेरे मित्र मियां बनवारी लाल,
हरदम रहते हैं बड़े बेहाल
चेहरे पे परेशानी हरपल हैरान,
बहुत कम दिखती उनके होठों पे मुस्कान.
सारांश में आप समझ ही गए होंगे,
बनवारी हैं एक आम शादीशुदा इंसान
पर बनवारी शादी से पहले ऐसे न थे,
चूसे हुए आम के जैसे न थे
उनके चहरे पे भी रहती थी बहार,
हरदम खिलती थी हंसी की बयार
पर उनके पाणिग्रहण ने जुल्म ढाया,
चमकते चंद्रमुख पर ग्रहण छाया
शाहरुख़ के समान उनकी काया
को इस संस्कृतिक कार्यक्रम ने ए के हंगल बनाया
फिर भी जब कभी वो मुझे मिल जाते हैं
शादी कर लो की रट लगते हैं
कहते हैं अपना बैंड बाजा जल्दी बजबाओ,
पछताना ही है तो लड्डू खा के पछताओ
बोलते हैं पत्नी होती है लक्ष्मी का रूप,
खिला देगी जीवन में सुनहरी धुप
उसके कदम पड़ते ही तेरी दुनिया संवर जाएगी,
जिंदगी खुशियों से भर जाएगी
मैं बोला बनवारीजी आँखें खोलो अपनी,
और छोडो बेगम का पल्लू
ये लक्ष्मियाँ हैं माना, पर आपको समझती हैं
ये अपना वाहन उल्लू
बनवारी बोले शादी तो पवित्र बंधन है,
सेवा करने साथ निभाने का वचन है
मैं बोला आज खून के रिश्ते खेलते खून की होली,
भाई भाई के सीने में दागता गोली
फिर कौन भला जिंदगी भर साथ निभाता है,
आधुनिक राम वनवास को अकेले ही जाता है
भई हम कुंवारों की चिंता में ऊर्जा मत गवाओं,
करानी है तो कुछ अहम् शादियाँ कराओ
मिलन कराओ पहले भूखे का रोटी के साथ,
अधनंगो के फेरे कराओ साडी धोती के साथ
राजा का निकाह करा दो जिम्मेवारी से,
प्रजा का विवाह कराओ ईमानदारी से
दुखी चेहरों का मिलन करा दो मुस्कान से,
पहले इंसानियत की शादी कराओ इंसान से
आज इनका एक दूसरे से हो गया है तलाक,
और इसी कारण हमारा देश हो रहा है खाक
पहले इनका मिलन कराओ ये शादियाँ जरुरी हैं,
हमारी तुम्हारी शादी तो समझौता है मज़बूरी है.
4.9.10
शादी करा दो
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6 comments:
वाह
वाह
वाह
अति रोचक और सुन्दर........
bahut hee umda rochak.aur hashya vyang ke saath aath bahut jaroori siksha jiski jaroorat hai.insaaniyat kaa insaan me.......
मैं बोला आज खून के रिश्ते खेलते खून की होली,
भाई भाई के सीने में दागता गोली
फिर कौन भला जिंदगी भर साथ निभाता है,
आधुनिक राम वनवास को अकेले ही जाता है
भई हम कुंवारों की चिंता में ऊर्जा मत गवाओं,
करानी है तो कुछ अहम् शादियाँ कराओ
...bahut achhi samajik bidambana ko pradarshit karti prastuti
ha , ha , ha....
I don't worry about Terrorism..
I am Married...
धन्यवाद खत्री सर, आपका आशीर्वाद मेरे लिए बहुत मायने रखता है. उत्साह बढ़ाने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया.
नूतन जी, कविता जी और नवीन भाई आप लोगों को कविता पसंद आई यह जानकार मेरा प्रयास सार्थक हुआ.
क्या बात है.. हास्य और गंभीर मुद्दों का सुन्दर मिश्रण और वर्णन..
बहुत ही अच्छा..
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