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5.12.10

'उत्तराखंड पत्रकार परिषद दिल्ली'में हुए सम्मेलन में 'निशंक' का विरोध करने वाले तथाकथित पत्रकारों का कई संगठनों ने किया बाईकाट
पत्रकारों ने कहा यह पत्रकार-आंदोलनकारी नहीं 'अराजकतावादी' है

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शनिवार को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित 'उत्तराखंड पत्रकार परिषद' में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' के भाषण के दौरान हो-हल्ला करने वाले उन सभी तथाकथित पत्रकारों का दिल्ली पत्रकार संघ और पर्वतीय नवयुवक आदर्श समिति ने बाईकाट कर दिया गया है। इसी के साथ कई पत्रकार संगठन और संस्थायें भी इन अराजकतावादियों के खिलाफ आगे आ रही है। इन संस्थाओं और संगठनों का कहना हैं कि ऐसे लोग पत्रकार और आंदोलनकारी नहीं हो सकते जो अपने अतिथियों का सम्मान करना ना जानते हो,ऐसे लोग तो अराजकतावादी है,इन्हें समाज में रहने ख़ास तौर पर पत्रकार समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
रविवार को दिल्ली के प्रेस क्लब में हुई एक बैठक में मंत्री दिल्ली प्रदेश भाजपा विरेंद्र सिंह,दीपक गुप्ता, हरीश रावत अध्यक्ष 'पर्वतीय नवयुवक आदर्श समिति',वरिष्ठ पत्रकार,एच.एस.बिष्ट,वरिष्ठ पत्रकार चंद्रमोहन नेगी,वरिष्ठ पत्रकार सी.पी.डबराल,पत्रकार रमेश गुसांई और युवा कवि-पत्रकार जगनोहन 'आज़ाद',ब्रजेश गुप्ता एवं दिल्ली-उत्तराखंड के कई वरिष्ठ लेखक-पत्रकारों की मौजूदगी में यह निर्णय लिया गया कि,ऐसे लोगों जो खुद को उत्तराखंड का हितैषी मानते है,और पत्रकारिता के नाम पर या फिर राज्य आंदोलनकारी के नाम से खुद को प्रपोज कर रहे है। साथ ही किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम और सम्मेलनों में पहुंचकर खुद की छवि बनाने और कुछ पार्टियों के बहकावे में आकर नारे बाजी करते है। ऐसे लोगों का राजधानी दिल्ली में आयोजित होने वाले किसी भी कार्यक्रम में जाने पर रोक लगा देनी चाहिए। ताकि यह लोग ऐसे मौके पर भ्रष्टाचार न फैला सकें,और मीडिया के सामने खुद को प्रायोजित न कर सकें।
ज्ञात हों कि शनिवार को दिल्ली में उत्तराखंड पत्रकार परिषद ने 'उत्तराखंड राज्य का एक दशक विकास एवं चुनौतियां',विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की थी,जिसमें मुख्यमंत्री व विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया था। इस मौके पर डॉ.निशंक ने राज्य के गठन से लेकर दस वर्षों की विकास यात्रा की विस्तार से चर्चा की और अपनी सरकार की उपलब्धियों गिनाई। दुनिया जानाती हैं कि कुंभ मेले का सफल आयोजन,राज्य को आटोमोबाइल हव बनाने और दो लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना। उत्तराखंड में पहली बार संभव हुआ हैं,जिसका श्रेय निश्चित तौर पर डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक को जाता है। जिनके अथा प्रयासों से ही आज उत्तराखंड विकास के राह पर अग्रसर है। इसके आलाव कई ऐसी योजनाएं आज भी उत्तराखंड में चल रही है। जिससे निश्चित तौर पर राज्य में विकास हो रहा है,और लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे है। पर्वतीय क्षेत्रों के लिए पहली बार विशेष औद्योगित नीति। अब तक लगभग 200 करोड़ रूपये का पूंजी निवेश और विषम भौगोलिक परिस्थितियों और ऊपर से केंद्र द्वारा तीन साल पूर्व ही स्वीकृत औद्योगिक पैकेज खत्म कर दिए जाने की विकट चुनौती के बावजूद राज्य जिस तरह से प्रगति की ओर अग्रसर हैं। यह आज किसी से छुपा नहीं है। बिजली-पानी-सड़क और पर्यटन की आपार सफलताओं के साथ निशंक सरकार जिस तरह से निरंतर आगे बढ़ रही है। उसे देखते हुए,राज्य में कई अराजकतावादी तत्व आज निशंक की उपलब्धियों को पचा नहीं पा रहे हैं,उन्हें डॉ.निशंक का मिशन 2012 सफल और सुफल होता हुआ दिखायी दे रहा हैं,जिसके चलते ही आए दिन ये अराजकतावादी इस तरह की हरकते कर रहे है। लेकिन अब इनकी इन कारगुजारियों को उत्तराखंड का जन-मानस अच्छी तरह समझ चुका हैं,इसलिए वहा पूरे जोश के साथ डॉ.रमेश पोखरियाल 'निशंक' के साथ खड़ा नज़र आ रहा हैं,और उत्तराखंड में लगातार कांग्रेस और दूसरे विरोधियों की ज़मीन खिसकती जा रही है।
विद्रोही

2 comments:

k k said...

mai na to delhi me ta na us karyakram me ho sakta ta, lekin es page ko padne par laga ki muje b vahan hona cahiye taki tumhare jaise CHATUKARO ki shsksl to dekh leta. tum BHAND ho.shame on you.. tu k

k k said...

mai na to delhi me ta na us karyakram me ho sakta ta, lekin es page ko padne par laga ki muje b vahan hona cahiye taki tumhare jaise CHATUKARO ki shsksl to dekh leta. tum BHAND ho.shame on you.. tu k