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2.12.10

जागरूकता बदल सकती है तस्वीर


आज इन्शान के हर छेत्र में जागरूक होने के कारण अनेको खेमे में हो रहे उथलपुथल से भारत के सुनहरे भविष्य का सूरज उगता दिखाई दे रहा है जिसकी किरणों में नए भारत की तस्वीर बिलकुल साफ,सुथरी,सुन्दर,व विकसित नजर आती है! भारत के सुनहरे और मजबूत भविष्य के लिए आज जहाँ इन्शान का जागरूक होना बेहद जरुरी और अच्छा संकेत है वहीँ इसके पछ में आज राजनितिक और प्रशाशनिक खेमे में भी एक बड़ा बदलाव दिख रहा है जो एक बड़ी खुशखबरी है तथा इसके सुनहरे भविष्य को और मजबूती प्रदान करेगी,आज जहाँ एक तरफ राजनीती में कुछ चेहरों ने भारत और भारत की सम्पूर्ण जनता के प्रति सच्चे और ईमानदारी से सेवा का संकल्प ले रखा है वही दूसरी तरफ प्रशाशनिक खेमे में भी कुछ नए चेहरे इस मामले में बिलकुल भी पीछे रहने को तैयार नहीं दिखते तथा अपने पद के सच्चे और सम्पूर्ण कर्तब्यों के प्रति संकल्पित नजर आते है! आज जहाँ धर्मो के नाम पर गुमराह करने वालों को किनारे करते हुए इन्शान एक दुसरे के त्योहारों को मिल कर मनाते है तथा बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है वहीँ बीते दिनों कुछ महत्वपूर्ण कदमो पर भारत में रहने वाले अनेको धर्मो के लोगों ने एकता दिखाई है जिससे कुछ हद तक भविष्य की सुनहरी तस्वीर और भी साफ नजर आती है,आज इन्शान के जागरूक होने की वजह से ही किसी भी छेत्र राजनितिक या प्रशासनिक हर जगह लोग अपने कर्तब्यों के निर्वहन के लिए मजबूर होकर जनहित में कार्य करते दिखते हैं! साथ ही साथ जिस तरह जनता ने पिछले कुछ चुनाव में जागरूकता का परिचय देते हुए जातिवाद के गंदे राजनितिक चंगुल से बाहर निकलने की कोशिश की है और विकास के बदले व विकास के लिए वोट देकर बेहतर नेतृत्व को चुना है ये तो मानो बदलते भारत के सुनहरे भविष्य के लिए जनता ने एक ऐलान करते हुए सबको बता दिया है की अब वो किसी के बहकावे में आने के बजाय विकास के प्रति आकर्षित है,इन्शानो को जागरूक कर ही भारत की तस्वीर बदली जा सकती है!
जी हाँ बिलकुल ये जनता का ऐलान ही तो है जिसने जातिवाद जैसे गंदे मुद्दे को बिच में लाने वालों के मंसूबों को सही समय रहते पहचान कर उचित निर्णय लेते हुए सरकारों को चुनने की कोशिश शुरू कर दी है जिसमे किसी एक का नहीं बल्कि सम्पूर्ण जातियों का विकाश संभव नजर आता है इतना ही नहीं इससे अनेको जातियों में बढ़ रही खाईयों की गहराईयों में भी कुछ कमी होने के संकेत मिलते है तथा जातियों की खाईयों को ख़त्म कर इन्शानो का आपस का प्रेम और सम्मान का भाव भी बढाया जा सकता है! आज जनता के जागरूकता के कारण ही आये दिन भ्रस्टाचार के नए नए मामले उजागर हो रहे है जिससे जहाँ एक तरफ पुराने भ्रस्ताचरियों में खौफ पैदा होगा वहीँ दूसरी तरफ नए भ्रस्टाचारी भ्रस्टाचार करने की हिम्मत आसानी से नहीं जुटा पाएंगे जो आने वाले भारत के दिनों के लिए एक शुभ संकेत है! आज यह आसानी से देखा जा सकता है की समाज में इज्जत खोने के डर को दिलो,दिमाग से कही दूर फेकते हुए किस तरह आज की बहु बेटियां अपने सम्मान के लिए खुल कर समाज के सामने आती है और अपनी लड़ाई लड़ने से घबराती नहीं है तथा अनेको समस्यायों को झेलते हुए भी अपने हक़ और सम्मान के लिए लड़ने के साथ साथ दुर्ब्याव्हर और बलात्कार को अंजाम देने वाले अपराधियों को सजा दिलवाने के लिए हर संभव प्रयाश करती है जिससे कही न कहीं आपराधिक तत्वों में अपने प्रति खौफ पैदा करने में कामयाब दिखती है और फिर यह तो स्पस्ट है की अगर ये बहु बेटियां अपने जागरूकता का परिचय ऐसे ही देती रही तो वो दिन दूर नहीं जब इन्ही बहु बेटियों के तरफ इज्जत भरी निगाहों से देखने पे मजबूर होंगे ये आज के दुर्ब्यव्हरी व बलात्कारी!
आज एक आम इन्शान जिसकी बातों को भले ही हर जगह दबाया जाय या उल्टे उसके ही खिलाफ भ्रस्ताचरियों के द्वारा कोई खद्यंत्र रचा जाय बावजूद इन समस्यायों के और इनकी परवाह किये बिना अपने हक़ के लिए मांग करने से नहीं घबराता और खुल कर भ्रस्ताचरियों का भंडा फोड़ने का काम कर देता है जिसकी वजह से आज भ्रस्ताचरियों की आँखों में एक खौफ को आसानी से देखा जा सकता है! एक समय था जब हर विभागों के कर्मचारियों के द्वारा अपने पद का फायदा उठाते हुए गरीबों के आवाजों को बहलाने फुश्लाने के साथ साथ जबरदस्ती कर दबा दिया जाता था लेकिन आज वही गरीब हर मामले में उन भ्रस्ताचरियों पर हाबी दीखता है क्योंकि ये अच्छी तरह जानता है की किस अधिकारी की कार्य सीमा क्या क्या है! सबकुछ खुला सिस्टम होने की वजह से सभी नागरिको को आज ये बात अच्छी तरह पता है कि किस कर्मचारी का कितना दायरा है तथा एक आम नागरिक भी कर्मचारी को आसानी से उसका दायरा समझा कर उसे कार्य करने पर मजबूर कर देता है! दरअसल जनता तो शुरू से ही जागरूक थी लेकिन शाशन के क्रियाकलापों का खुलापन न होने की वजह से सिर्फ कुछ विद्वान ब्याक्तित्वों को छोड़ बाकि जनता कार्यों के सिस्टम को समझ पाने में नाकाम थी लेकिन आज के खुले वातावरण और परिस्थितियों ने किसी हद तक जनता को जागरूक बना दिया है! अब वो दिन दूर हो चूका है जब गांव की उन जनताओं को सरकारी राशन के कोटेदारों द्वारा प्रताड़ित किया जाता था और इस महीने का राशन अगले महीने कह टरका दिया जाता था तथा भोली भली जनता मज़बूरी या फिर कोटेदार के विश्वाश बस चुप चाप अपने घर को वापस लौट जाया करती थी लेकिन आज कि जागरूक जनता को उसका अधिकार पूर्ण रूप से पता है और एक छोटी सी बात पर भी जिला स्तर के अधिकारीयों से मिल कर शिकायत करने के साथ साथ समाचार पत्रों के माध्यम से भी किसी के भी काले कारनामे को उजागर करने से नहीं चुकती जिससे इस प्रकार के भ्रस्तचारो में भी कमी का होना संभव लगता है!
दरअसल आज के भ्रस्टाचार को जनता खुद ही समाप्त कर सकती है आज जनता के पास अनेको साधन उपलब्ध है,जिस समय इन भ्रस्ताचारों का जन्म हुआ था उस समय सुचना का अधिकार जैसे कानून जनता के बिच नहीं था,मिडिया इस क़द्र हाबी नहीं था जिसके वजह से नेताओं के साथ साथ कर्मचारियों के द्वारा जनता का जम कर शोषण किया जाता था तथा जनता को सब कुछ सहन करना पड़ता था लेकिन आज समय बदल चूका है आज सुचना का अधिकार जैसे कानून के साथ साथ अनेको उपाय जनता के पास है तथा इसके साथ ही देश की मिडिया भी अपने अनेको छेत्रों में विशेष रूप से विकास कर जनता के हक़ के लिए हर कदम आगे रहने को तैयार है! ऐसे में जनता को सिर्फ भ्रस्टाचार न सहने और उजागर करने का एक संकल्प ही एक साफ सुथरा कल दे सकता है जिस प्रकार कुछ राज्यों में जनता ने अपने बुद्धि और विवेक का परिचय देते हुए बेहतर जनादेश को अपनाया है और उचित तथा अनुचित का फैश्ला कर बेहतर नेतृत्व के हाथ में मलिकत्व को सौपा है हकीकत में काबिले तारीफ है तथा एक तरह से यु कहें की उन्होंने एक सुनहरे कल के लिए आह्वाहन किया है! आज जिस प्रकार बिहार के साथ साथ कई राज्यों की जनता ने भ्रस्टाचार के खिलाफ लड़ने का संकल्प लेने के साथ अपनी जागरूकता का परिचय दिया है ठीक उसी प्रकार का परिचय पुरे देश की जनता को आज नहीं तो कल एक बेहतर कल कि खातिर देना ही होगा! सिर्फ और सिर्फ जनता की जागरूक आवाज और दृढ संकल्प ही देश को भ्रस्टाचार से मुक्त कर सकता है!

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