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31.8.11

भैया अन्ना जेल में है...

भैया अन्ना जेल में है। यह कहना आसान है, लेकिन समझना कठिन है। एक ६ वर्षीय बच्चे ने १७ अगस्त की दोपहर को यही कहा था। बच्चा नही जनता था कि किस वजह से अन्ना जेल में है, लेकिन इतना जरुर बता रहा था कि लोग हंगामा कर रहे है और हम लोगो ने रैली निकली है अन्ना छुट जायेगे। बच्चा इतना कहने के बाद अपने घर चला गया, लेकिन मै अलसाये मन से कमरे में सोचता रहा। बाद में जब भी कोई बच्चा दिखता तो मेरा मन यही कहता कि अन्ना जेल में है... न्यूज़ चैनल लगता तो भारत माता की जय और वन्दे मातरम का नारा सुनकर रोगते खड़े हो जाते। अंतत मै भी आन्दोलन में शामिल हो गया। न जाने कितने लोग इस तरह आन्दोलन से जुड़े होंगे। सबकी आपनी आपनी वजह होगी। हर रोज जब मै आन्दोलन में शामिल होने मैदान पहुचता तो जनसैलाब को देखकर राजनीति को कोसता और नारे लगा कर मन की भड़ास निकलता। आयोजनों में समय तो मै २ से ३ घंटे ही दे पता लेकिन इतने में लगता कि मैंने बहुत काम किया है।
कभी कभी अचानक मन में सवाल उठता कि सिला कि जवानी पर थिरकने वाले और मुनि कि अदायो पर मचलने वाले युवा इस बुजुर्ग के पीछे क्यों खड़े हो गए? कभी राहुल गाँधी, सचिन पायलट, वरुण गाँधी आदि के हाथो में सुरछित भविष्य देखने वाले लोग आज अन्ना, अरविन्द केजरीवाल, किरण बेदी शरीके के हाथो में सुरछित भविष्य कैसे देखने लगे ? इन सबका एक ही जवाब है राजनीतिज्ञों कि घटती विस्वसनीयता। सरकार लाख कहे कि अन्ना का अनशन संविधानिक नही है। यह कथन सिर्फ पनो में दर्ज नियमो के तहत ही सही है। जनता के किताब में अन्ना का अनशन सही है। इस समय जनता यही जानती है कि देश में सरकार नही है। और मनमोहन सिंह भार्शताचारियो को संरक्षण दे रहे है। जो काफी हद तक सही है। जिस संविधान का हवाला देकर सरकार अन्ना के अनशन को असंविधानिक करार दे रही थी उसी संविधान के हवाले से लोग जानना चाहते है कि जब राजा घोटाला कर रहे थे तो प्रधानमंतरी काया कर रहे थे? जनता सिर्फ प्रधानमंतरी के ये कह देने से कि मै कुछ नही जानता हु से माफ़ नही करने वाली है। अन्ना के अनशन से उपजे हर सवाल का जवाब मनमोहन सिंह और सोनिया गाँधी को देश को देना होगा।
आज राहुल सरकार और अन्ना के बिच गतिरोध से चिंतित है थे तो इसका मतलब यह नही था कि वह अन्ना के जनालोकपाल बिल को अच्चा मानते है। बल्कि राहुल कि पेशानी पर चिंता कि सलवटे इसलिए थी कि कही उनका मिशन २०१२ फेल न हो जाये। अन्ना ने रामलीला के मंच से यह भी एलन कर दिया है कि अब अगली लड़ी किसानो, आदिवासियों और चुनाव सुधर के लिए होगा.

1 comment:

अजित गुप्ता का कोना said...

राहुल की तो असलियत देश के सामने आ गयी है कि उसमें बौद्धिक एवं नेतृत्‍व क्षमता का अभाव है।