संसद में सदस्यता पाने के 7 साल के दौरान मात्र चौथी बार मुंह खोलने वाले हमारे राहुल गाँधी जी ने बोला की संसद और संसद सदस्यों का काम है कानून को पारित करना या कानून बनाना आइये जरा हम संसद के इन महाशयों को जानते है की कैसे कैसे महानुभाव है जो हमारे लिए कानून बनायेंगे |
· हमारे संसद में 162 सदस्य ऐसे है जिनपर अपराधिक मामले चल रहे है
· और 76 सदस्य ऐसे है जिनपर हत्या, बलात्कार, डकैती अपहरण आदि जैसे संगीन जुर्म का आरोप है |
· संसद के 24 % सदस्य ऐसे है जिन्होंने स्नातक से कम की शिक्षा ली है
तो क्या हम ऐसे ऐसे चरित्रवान सदस्यों पर अपने समाज के लिए एक अच्छे और साफ़ कानून की हम उम्मीद ही कैसे कर सकते है ? क्या ये हमारे देश के आंतरिक और बाह्य सुरक्षा के साथ मजाक नहीं हो रहा है??
2 comments:
देश का दुर्भाग्य है कि 80 % मतदाता के द्वारा नाकारा गया अक्षम संसद या विधानसभा में शोर मचाता है तथा जनता कि आवाज़ कि दुहाई दे कर लोकतंत्र को मजाक बनाता है . मात्र 20 % से भी कम वोट पाकर पांच साल नंग नाच करता है .
एक दम सही बात बोला आपने भाई ये लोकतंत्र का दुर्भाग्य ही है एक तरह से
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