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10.8.11

सारे जहाँ से अनोखा हिन्दुस्तान हमारा


इस १५ अगस्त को फिर से इंडिया देट इज भारत को आजाद कराने की झूटी कसम खाएं.



      





अंग्रेज चले गए , एजेंट छोड गए , 


अब इन एजेंटों से आजादी लेनी है . 
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प्रिय ब्लोगी मित्रों ,


क्या आपसे देश की हालत छुपी है ,


क्या इसकी हालत के जिम्मेदार छुपे हैं .


क्या इसको बचाने के लिए हो रहे उपाय , और चेष्टा करने वालों से आप अनजान हैं !


क्या कांग्रेस के अलावा और पार्टियों पर भरोसा कर रहे हैं , तो बी जे पी को उजागर करने वाली ये वीडियो भी देख लीजियेगा .


http://www.youtube.com/watch?v=QZItyW0tcmU&list=PLEAAC5EBF955DB979&index=3


      
भारत रत्न के असली हकदार .
आज इनकी वजह से ही राजा साहिब जेल में आराम कर रहे हैं .





तो न किसी पार्टी पर भरोसा करो ,


आने वाली जन्माष्टमी पर श्री कृषण  से प्रार्थना करो कि जो वादा श्री गीता में किया है , उसे निभाएं


भाइयो खुद भी कुछ करे ,  कोई संघ बनायें , सोसायटी , सभा , एक विचार को आगे बढ़ाएं .


और आप स्वयं समझ दार हैं .


अशोक गुप्ता
दिल्ली
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भगवान न करे उन्हें कोई एसी-वैसी बीमारी हुई हो , जैसी नेहरु जी को हुई थी > 


हमारा कर्त्तव्य है कि हम उनकी सेहत के लिए भगवान से प्रार्थना करें. 
   


यह टिप्पण इस लेख का extension कह सकते हैं : 

तेजवानी गिरधर said...

लोग (आप) अपने देश के प्रति ही नफरत का भाव पैदा कर रहे हैं
11/8/11 5:13 PM
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Blogger I and god said...

धन्यवाद तेजवानी जी, 

आपके हमारे विचारों में कुछ भिन्नता तो रहेगी ही , फिर भी आपने इसे अपने विचारों के योग्य समझा , यही मेरे लेख का इनाम है. 

कह सकते हैं , में थोडा निराशावादी, या perfectionist , हूँ , शायद इसलिए . 

में देश के उन २५ करोर लोगों को भी लोगों में ही मानता हूँ , जिनको आज़ादी के ६४ साल बाद भी पिने का पानी उपलब्ध नहीं है. खाने, शिक्षा की बात तो करनी ही बेकार है. 


फिर भी आपके टिप्पण के लिए हार्दिक धन्यवाद. 

अशोक गुप्ता 
दिल्ली
11/8/11 9:17 PM

2 comments:

तेजवानी गिरधर said...

लोग अपने देश के प्रति ही नफरत का भाव पैदा कर रहे हैं

https://worldisahome.blogspot.com said...

धन्यवाद तेजवानी जी,

आपके हमारे विचारों में कुछ भिन्नता तो रहेगी ही , फिर भी आपने इसे अपने विचारों के योग्य समझा , यही मेरे लेख का इनाम है.

कह सकते हैं , में थोडा निराशावादी, या perfectionist , हूँ , शायद इसलिए .

में देश के उन २५ करोर लोगों को भी लोगों में ही मानता हूँ , जिनको आज़ादी के ६४ साल बाद भी पिने का पानी उपलब्ध नहीं है. खाने, शिक्षा की बात तो करनी ही बेकार है.

फिर भी आपके टिप्पण के लिए हार्दिक धन्यवाद.

अशोक गुप्ता
दिल्ली