इस देश का यारो क्या कहना
ये देश हैं भ्रष्ट नेताओ का,
रिश्वतखोरो का, नमकहरामो का !!
इस देश का यारो होए!!
इस देश का यारो क्या कहना
ये देश था कभी दुनिया का गहना.......
ओ ओ ओ ओ ...
यहाँ मरते हैं गरीब अमीरों की बस्ती में
उडती हैं धज्जिया कानूनों की बस्ती.....
यहाँ चलती हैं सिर्फ भ्रष्टाचारियो की
यहाँ भोली हैं शक्ले आम लोगो की
यहाँ लुटती हैं जनता भोली-भाली, नित नए-नए घोटालो में.
ओ ओ ओ ओ ओ........
यहाँ रोता हैं आम आदमी अपनी किस्मत पे
कोसता हैं अपनी किस्मत को.
पैरो में बेडिया रिश्वत की..
राहों में रूकावटे भ्रष्टो की
यहाँ रोता हैं आदमी अपनी किस्मत पे
कोसता हैं अपनी किस्मत को.
ओ ओ ओ ओ ...
कभी होते थे दंगल सोख जवानो के
कभी होते थे करतब तीर कमानों की
कभी नित नित मेले होते थे
कभी नित नित मेले सजते थे
नित नित ढोल ताशे बजते थे
ओ ओ ओ ओ ओ.....................
अब देखो सूरत इस देश की
जहाँ रोती हैं जनता अपनी किस्मत पे
ओ ओ ओ ओ ओ.......
लूटते हैं भ्रष्टाचारी देश को मिलकर
रोकते हैं उन्नति को मिलकर
ओ ओ ओ ओ ओ.........
जयहिन्द ।
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