Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

23.10.20

रॉबिन हुड पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय का पीछा नही छोड़ता अपशगुन


बक्सर- बिहार के रॉबिन हुड पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय का करीब दो दशक से अपशगुन पीछा नही छोड़ रहा है, राजनीती की मीमांसा पाले पाण्डेय जी इस विधान सभा चुनाव में उनकी स्थिति ऐसी बनी की वे न इस डाल के हुये और नही उस पात के हुए, राजनीत के स्कूल में दो बार दाखिला लेने की कोशिश की, लेकिन प्रवेश पर अपशगुन का पहरा लग गया, क्यों कहा की अपशगुन श्री पाण्डेय का पीछा करता चला आरहा है,


 अब थोडा रील रीवाईनड करके वर्ष 2004 से देखते है, उन दिनों आईपीएस गुप्तेश्वर पाण्डेय इज इनकाऊंटर स्पेस्लिस्ट पुलिस अधिकारी माना जाता था वैसे नाचगान में भी श्री पाण्डेय को महारत हासिल थी, बतौर ढोलक, तबला, हरमुनियम, बजा लेते है, उनकी आवाज भी सुरीली है, बिहार की जनता उनकी कडक पुलिस अधिकारी के रूप में जानती है, तो वही स्टेज प्रोग्राम के जरिये नाचगान भी देखा है, वर्ष 2004 में बक्सर जिला के ब्रहमपुर में भोजपुरी महोत्शव मनाया गया, जिसमे भोजपुरी की चर्चित लोकगीत गायिका देवी का स्टेज प्रोग्राम का आयोजन किया गया था,

 उस सांस्कृतिक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आइपीएस गुप्तेश्वर पाण्डेय थे, उस कार्यक्रम में करीब पच्चास हजार की संख्या में श्रोतागण मौजूद थे, बतौर मुख्य अतिथि गुप्तेश्वर पाण्डेय ने एक गीत से कार्यक्रम की शुरुआत की,,, बड़ा हुआ तो क्या हुआ,,, जैसे पेड़ खजूर,,,पंछी को छाया नही,,, फल लागे अति दूर रे भईया,,, फल लगे अति दूर,,, उन्ही गाया यह गीत आज उन्ही पर सटीक बैठता दिख रहा है, सर्द रात की चांदनी अपने पुरे रोआब में थी, पूरी रात दर्शक व् श्रोता टस से मस नही हुए, सुबह पाच बजे के करीब गायिका देवी का प्रोग्राम खत्म हुआ लोग अपने अपने घर जाने लगे इसी बीच एनएच 84 बक्सर आरा रोड पर लोग पहुचे ही थे कि एक ट्रक ने लोगो को रौदते हुए भाग गया, सडक पर एक्सीडेंट होने की खबर सुनते ही कार्यक्रम स्थल उदासी की घना कोहरा छा गया,

उस दिन एक्सीडेंट में सात व्यक्तियों की घटना स्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गयी एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे, इस घटना ने जिला ही नही अपितु प्रदेश को हिला कर रख दिया था, क्षेत्र के लोग इस लोमहर्षक घटना को अपशगुन मानने लगे और तत्कालीन आइपीएस गुप्तेश्वर पाण्डेय के माथे पर कलंक का टीका लग गया, यही से शुरू हुयी पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय की अपशगुन की कहानी,,, इसके कुछ दिन बाद बलिया (यूपी) में भोजपुरी लोकगीत गायिका देवी का स्टेज प्रोग्राम में भी श्री पाण्डेय ने शिरकत की वहा पर भी कार्यकर्म के दौरान जबर्दस्त हगामा हुआ मारपीट भी हुयी, इसके बाद गया विश्व विद्यालय कैम्पस में भोजपुरी महोत्श्व का आयोजन हुआ, जिसमे गायिका देवी का स्टेज प्रोग्राम का फंग्सन का आयोजन हुआ, उस कार्यक्रम में गुप्तेश्वर पाण्डेय पहुचे थे,

उस समय वे गया जिले में पुलिस अधीक्षक के पद पर आसीन थे, उन दिनों चर्चित लोकगीत गायिका देवी की रुमानियत चरम पर थी, देवी की सुरीली आवाज का जादू सभी लोगो के सर चढ़कर बोलता था, देवी की कार्यक्रम देखने व् सुनने वालो से विश्व विद्यालय कैम्पस खचाखच भरा था, स्टेज पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम शुरू ही होने वाला था की पूरा मंच भरभरा कर टूट गया, आम लोगो का कहना है कि भोजपुरी लोकगीत गायिका देवी के कार्यक्रम में श्री पाण्डेय जहा जहा शिरकत की वहा वहा कोई न कोई घटना घटी,,,

वर्ष 2014 में आइपीएस गुप्तेश्वर पाण्डेय ने पुलिस की नौकरी से इस्तीफा देकर लोक सभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी, उन्हें किसी पार्टी से टिकट नही मिला, हलाकि बाद में सरकार ने उनका इस्तीफा नमजुर कर दी, बताया जाता है कि श्री पाण्डेय,,, मुख्य मंत्री नितीश कुमार के करीबी जाते है, इधर हाल के दिनों में सिने स्टार सुशांत सिंह (राजपूत) की हत्या या आत्महत्या के मामले पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय पुरे देश के पटल पर छा गये,  मिडिया उन्हें बिहार का रॉबिन हुड डीजीपी कहने लगी लगी, चुकी बिहार में चुनाव की आहट थी, श्री पाण्डेय एकबार फिर वीआरएस लेकर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी, शायद उन्हें राजनीती की अभी ककहरा का ज्ञान नही है, तभी तो बिहार के रॉबिन हुड न इस डाल के रहे और नही उस पात के रहे,,,,,,,

वर्ष 2004, में गुतेश्वर पाण्डेय के साथ हुए अपशगुनिक घटनाओ के बारे में छपी स्टोरी,,,,


     
                                                बक्सर से शेषनाथ पाण्डेय की रिपोर्ट
                                                सम्पर्क - मो, न, 9006272500,



No comments: