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2.10.20

उत्तर प्रदेश में व्याप्त जंगलराज...

उत्तर प्रदेश की चौपट कानून व्यवस्था चारों ओर व्याप्त घनघोर जंगल राज लेकिन सरकार की प्राथमिकता में तो गाय बचाना है...

... अंधेर नगरी चौपट राजा... जनता आत्मनिर्भर बन बजा रही बाजा...

लखनऊ/आजमगढ़: जी हां उपरोक्त पंक्तियां तो कुछ ऐसा ही दर्शा रही है जिस तरह से हाथरस रेप कांड पर सरकारी महकमे की हीला हवाली देखने को मिल रही है इससे अंदाजा लगाना कोई मुश्किल नहीं है जिस तरह से मामले में कार्रवाई के बजाय प्रशासन द्वारा लीपापोती की जा रही है क्या यह बिना सरकारी आदेश के संभव है?
हाथरस रेप प्रकरण में जैसा जनता में आक्रोश है तमाम समाचार पत्रों चैनलों व वेब पोर्टलो ने मामले को प्रमुखता से उठाया है एक मुद्दे के तहत नतीजा आज प्रदेश सरकार बैकफुट पर है नहीं तो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार की प्राथमिकता तो गाय बचाने की रही है इसके लिए कानून बनाकर सख्त सजा का प्रावधान भी किया गया है लेकिन वहीं प्रदेश की जनता को आत्मनिर्भर बनाकर राम भरोसे छोड़ दिया गया है।

हाथरस रेप कांड हैवानियत की घटना पर लीपापोती करने में प्रशासनिक और पुलिस के बड़े-बड़े अधिकारी लगाए गए हैं जाहिर है सत्ता पक्ष के नेता गण चाहे जितने भी प्रपंच रच लें लेकिन इस प्रकार की घटनाओं में पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों की सक्रिय भूमिका के बिना मामले की लीपापोती बिल्कुल भी संभव नहीं है...
आखिर क्यों पुलिस प्रशासन ने परिवार जनों की सख्त आपत्ति दर्ज कराने के बावजूद भी मृतिका का दाह संस्कार रात के अंधेरे में जबरदस्ती करा दिया? कहीं किसी अधिकारी का बयान है कि रेप हुआ ही नहीं है तो कोई तो कोई बड़ा अधिकारी कह रहा है कि जीभ नहीं कटी है?  अब रात के अंधेरे में शव का दाह संस्कार जबरदस्ती करा दिया गया जिसके साथ बहुत सारे साक्ष्य भी दहन हो गए, अब जो भी सरकारी आदेश होगा वही सर्वमान्य होगा वरना आपकी आवाज को दबा कर आप को जेल भी भेजा जा सकता है।

कहानी यहीं खत्म नहीं होती प्रदेश भर में रोजाना कितने ही बलात्कार कितनी ही हत्याएं और अत्याचार देखने को मिल रहा है जिनका कोई भी निष्कर्ष नहीं निकल पा रहा है. लेकिन प्रदेश का बच्चा-बच्चा जान जाता है कि गुनाहगार कौन लोग हैं परंतु सरकार पुलिस प्रशासन और कोर्ट को कभी पता ही नहीं चल पाता कि गुनहगार कौन है ?
जबकि तमाम सरकारी आंकड़े उठाकर देख लीजिए हत्या बलात्कार आदि जैसे जघन्य अपराध मे उत्तर प्रदेश को अव्वल स्थान प्राप्त है फिर भी सरकार का ध्यान इस पर नहीं जाता लेकिन गाय को बचाना उसके लिए सख्त से सख्त सजा का कानून बनाना सरकार की प्राथमिकी में दर्ज है।

अब विचारी प्रदेश की जनता तो सरकार द्वारा आत्मनिर्भर बना ही दी गई है प्रदेश की जनता को भी चाहिए कि सरकार को भी आत्मनिर्भर बनने का अवसर दे और यह शुभ कार्य जनता द्वारा अगले चुनाव में पूरा किया जा सकता है अपनी वोट की शक्ति के माध्यम से आखिर प्रदेश में दीया बाती घंटा घड़ियाल बजाने वाला भी तो चाहिए जिसमें प्रदेश सरकार के कुछ नेता अव्वल भी है और उनका साथ निभाने के लिए प्रदेश में गोदी मीडिया,  पत्तलकार, अंध भक्तों की कोई कमी भी नहीं है ।

- राम जनम यादव जिला प्रभारी आल इंडिया मीडिया एसोसिएशन आजमगढ उप्र

mr.yadavsbilife@gmail.com

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