दुनिया के तमाम देशों के विभिन्न क्षेत्र में उपलब्धि प्राप्त करने वाली शख्सियत पर कार्यक्रम करने वाले चैनल अचीवर्स जंक्शन ने आज दिनांक 05 जून, 2021 को संस्कृत, प्राकृत, हिंदी और भोजपुरी के निष्णात आचार्य, कवि - लेखक, शिक्षाविद् , ' पिया के गाँव ' जैसी सुपर हिट फिल्म के गीतकार स्व. ( डॉ. ) रामनाथ पाठक ' प्रणयी ' का जन्मशती समारोह मनाया। इस कार्यक्रम में देश के कोने-कोने के साहित्यकारों, फिल्मकारों, कलाकारों और डॉ. प्रणयी के परिजनों ने भाग लिया। चैनल के निदेशक मनोज भावुक ( दिल्ली ) के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. ब्रज भूषण मिश्र ने डॉ. प्रणयी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि हिंदी-संस्कृत, भोजपुरी और पॉली भाषा में डॉ. प्रणयी की दो दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हैं। फिल्म समीक्षक मनोज भावुक ने उनके भोजपुरी फिल्मी दुनिया से जुड़ाव के बारे में बताया। भावुक ने बताया कि ‘’ आँख से आँख मिलिके जे चार हो गइल, साँच मानऽ जिनिगिया हमार हो गइल ‘’, …‘ पहिले पहिल हम अइलीं गवनवाँ, देखली डीजल गाड़ी हो दिलवर जानी’ या ‘ जुग-जुग जीयसु ललनवाँ’ भवनवाँ के भाग जागल हो, ललना लाल होइहें कुलवा के दीपक मनवाँ में आस लागल हो’ और ए डाक्टर बाबू बताईं दवाईं... ये सारे गीत सबने सुने हैं. लेकिन इन गीतों के गीतकार डॉ. प्रणयी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। 1985 की सुपर हिट भोजपुरी फिल्म ‘ पिया के गाँव’ के इन गीतों को संगीत दिया था चित्रगुप्त जी ने. प्रणयी जी ने फिल्म पिया निरमोहिया का भी टाइटल सांग लिखा था.
कवि कुमार विरल ने जैन कॉलेज , आरा के संस्कृत और प्राकृत विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रणयी के संस्मरण सुनाये और परीक्षक के रूप में उनकी मुजफ्फरपुर यात्रा की चर्चा की। आरा के साहित्यकार पवन श्रीवास्तव और चंद्र भूषण पांडेय ने डॉ. प्रणयी से अपने संपर्क और उनके सहज व्यक्तित्व की चर्चा की। डॉ. प्रणयी के पुत्रों प्रेमचंद्र पाठक और विजय चंद्र पाठक तथा पौत्री जयश्री पाठक ने अपनी श्रद्धा निवेदित किया।
इस अवसर पर डॉ. प्रणयी के भोजपुरी गीतों को सारेगामा फेम शालिनी दूबे और श्रेया दूबे ( झारखंड ), सनोज सागर ( बिहार) और लोकगायिका आराधना सिंह ( बनारस ) ने प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।
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