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7.7.08

एसी लो फ्लोर बस और मैं

रविवार को जब मैं ऑफिस पहुँचा तो बुरी तरस से बरसात की वजह से गीला हो चुका था। पहले सोचा लावो ऐसे ही काम कर लेते हैं। पर तवियत ने जवाब दे दिया और मैं घर वापस चला गया. रविवार को ही यशवंत दादा ने कवि सम्मलेन का न्योता दिया था. तो मैंने सोचा चलो शाम को इसे ही अटेंड कर लेते हैं. जब कवि सम्मलेन के लिए मैं अपने हौज़ खास स्थित घर से निकला तो सोचा आज ना तो गाडी ला जायेंगे ना ही मोटर साइकिल . ये विचार करके मैं बस स्टैंड पर पहुँच गया. तोडी देर में ५०२ नम्बर की दिल्ली सरकार की लो फ्लोर एसी बस वहां आकर रुकी. मैं उसमे स्वर हो गया इस बस में मेरी ये पहली यात्रा थी. बस सफ़दर ज़ंग टोम्ब तक ठीक आयी. इसके बाद में उसका ड्राईवर रास्ता भूल गया. सौभाग्य से उस बस में कुल मुझे लेकर कुल पाँच यात्री थे. थोड़ी देर तक ड्राईवर बस कंडेक्टर पर चिल्लाता रहा इसके बाद में उसने मुझ से कहा की आपको रास्ता पता हो तो बता दो. मैंने कहा ठीक है मैं रूट को तो नही जनता पर हाँ आइतियो तक ज़रूर पहुंचा सकता हूँ. मैंने उसे रास्ता बताना शुरू किया और उसे इंडिया गेट तक लेकर भी आया. पर जब वो इंडिया गेट पहुँचा तो मुझे बोलता है की तुमने मुझे भटका दिया और मुझसे उसने लड़ना शुरू कर दिया. मैं उसे डांटकर चुपचाप बैठ गया. बन्दे ने इंडिया गेट की परिक्रमा करनी शुरू की और वहां के पाँच चक्कर भी लगाये पर इंडिया गेट ने ड्राईवर साहब पर मेहरबानी नही की. अंत में परेशान होकर उसने मेरी बात मान ली और मैंने उसे उसकी मंजिल तक पहुचाया. पर बीच में उसने गुस्से में आकर एसी भी बंद कर दिया. तब मैंने उस पर चिल्लाना शुरू किया. तब जाकर उसने एसी ओं किया. इस बीच में कई लोग बस में चढ़े पर उसका किराया देखकर अगले स्टैंड पर ही कंडेक्टर से ही लड़कर उतर गए. एक चीज़ समझ में नही आता दिल्ली सरकार ने इन बसों पर करोड़ों रूपये तो खर्च कर दिया पर आम लोगों तक सही से इसकी सूचना नही पहुंचाई और कंडेक्टर और ड्राईवर ऐसे रख दिए जिन्हें रूट की बात अलग रास्ता तक पता नही है. गवर्नमेंट को इस पर ध्यान देने की ज़रूरत है. नही तो एसी बसों में लोग इंडिया गेट का गोल गोल चकार काटते रहेंगे.
अमित द्विवेदी

2 comments:

PD said...

:) mast raha..
yahan chennai aur bangalore me A/C bus khub chalti hai.. aur rasta bhi nahi bhatakti hai.. :)

Anonymous said...

are dost amit ganimat hai ki pahonch to gaye, waisai kya bura hua agar ghumte hi rahe dilli ki garmi se to 15 rupyee ke A/C bas bhalii ;-)

jay jay bhadas