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18.7.08

व्हिप बनाम फतवा .......!

व्हिप बनाम फतवा .......! वे फतवे के सख्त विरोधी हैं . उनका मानना है कि कुंद बुद्धि लोग ही फतवा मानते हैं . जिन्हें जात बिरादरी से बाहर करने , तनखैया होने का डर दिखाकर असरदार लोग अपनी बात मनवा लेते हैं . बेमन से मानना पड़ता है....... ,
व्हिप भी तो फतवा ही है . है ना ! तो क्या हमारे सांसद स्व विवेक से सही निर्णय ले पाने में सक्षम नही ?

2 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

भाई,ये फ़तवा और त़क़वा का क्या रहस्य है ये जरा गहराई से समझने का विषय है इसमें हिन्दुत्त्व और इस्लाम किधर से आ गया.....
जय जय भड़ास

Anonymous said...

Bhaii,

waisai bhi swavivek ki baat rajniiti men aate hi samapt ho jaati hai :-P or bas madam hon yaa Ram naamdhaari yaa fir laal salam ke ustaad sabhi ke vivek hi in raajnetao ke liye paramukh ho jaate hain.
swavivek kiya to daddi se bhi gaye or parti se bhi or ye log dono jagah se jana nahi chahte......
Akhir Neta Jo Thahre..

Jay Jay Bhadas