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27.7.08

धमाके, मौतें, आंसू, आश्वासन.....कब तक?

फ़िर धमाके, फ़िर मौतें, फ़िर आश्वासन, फ़िर बयांवाजियाँ, फ़िर न झुकने की बातें, फ़िर????????????????फ़िर वही धमाके.


अभी और कुछ नहीं, बस इतना ही कि कब तक ये आंसू बहेंगे? कब तक??????????


3 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...
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डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

मैं शर्त लगा कर कह सकता हूं कि ये आंखें किसी एलियन यानि परग्रहीय प्राणी की हैं...... लेकिन आंसू तो धरतीवासियों के जैसे ही हैं एकदम बड़े-बड़े....

Anonymous said...

गुरुवार सत्य कहा मगर थोडा सा मैं सुधारूँगा, धरतीवासी के आँसू हों या ना हों मगर हाँ भारतवासी के आँसू तो नि:संदेह हैं.