कौन है ये गंदी लड़की
यूं ही बैठे-बैठे ब्लॉग्स पर कुछ सर्च कर रहा था। अचानक एक ब्लॉग में आ गिरा। ब्लॉग का नाम था गंदी लड़की । किसी लड़की ब्लॉग बनाया था। जियो अपनी ज़िंदगी, करो अपनी मनमर्जी, उन्हें कहने दो हमें-तुम्हें गंदी लड़की.... ये है उस ब्लॉग का विवरण। साफ है जिस किसी ने भी ये ब्लॉग बनाया है, उसने एक क्रांतिकारी विचार सामने रखा है। इस ब्लॉग पर जाएंगे तो आपको एक अलग ही अहसास होगा। ऐसे धारदार विचार जो एक बारगी आपको सोचने के लिए मजबूर कर देंगे। ऐसी बातें जो भले ही आप-हम खुले तौर पर स्वीकार नहीं करते हों, उन्हीं बातों को दिलखोल कर लिखा है गन्दी लड़की ने। पहली निगाह डालेंगे तो लगेगा कि किसी ऐसी लड़की ने इस ब्लॉग को माध्यम बनाया है जिसे इस समाज ने, खासकर पुरुषों ने बहुत दुख दिया है। लगातर लगी चोटों से घायल उस लड़की ने हार न मानकर एक रौद्र रूप अपनाया है। गुमनाम ही सही लेकिन अपने विचारों को, अपनी भड़ास को बाहर निकाल रही है। ऐसी खरी-खरी बातें कर रही है। दुख की बात ये है कि पिछले एक साल से गंदी लड़की ने कुछ नहीं लिखा। आखिर है कौन ये गन्दी लड़की जो वास्तव में आईना है, वह आईना समाज जिसमें अपना गन्दा चेहरा देखकर आईने को गन्दा करार दे रहा है। स्नोवा वार्नो की तरह की रहस्य है यह लड़की। हम नहीं चाहते कि गन्दी ल़ड़की खुल कर सामने आए, लेकिन हम ये चाहते हैं कि गन्दी लड़की फिर से लिखना शुरु करे। क्योंकि हमें चाहिए एक ऐसा ठेकेदार, जो नारी हितों की बात करता रहे। और सिर्फ बातें ही नहीं करे बल्कि कुछ सकारात्मक करे। तो आप जानते हैं कि कौन है ये गन्दी लड़की?
------------------------------
इस पोस्ट को पढ़ने के बाद मुझे लगा कि सच बता देना चाहिए, जो पहले से ही मेरे आसपास के कई लोगों को ज्ञात है, उपरोक्त पोस्ट पर मेरी टिप्पणी इस प्रकार है-
1 टिप्पणियाँ:
क्या 'गंदी लड़की' नाम से ब्लाग बनाकर मैंने कोई गलत काम किया? अब जबकि इस ब्लाग पर नहीं लिख पा रहा हूं, क्या गंदी लड़की ब्लाग को मुझे डिलीट कर देना चाहिए? या इसे यूं ही छोड़ देना चाहिए?
उम्मीद है, आप लोग मुझे जरूर गाइड करेंगे।
आभार के साथ
यशवंत
भाई,
इस ब्लाग को मैंने यह सोचकर बनाया था कि अगर मैं लड़की होता तो किस तरह भड़ास निकालता। गंदी लड़की ब्लाग बनाने के बारे में मैंने अपने कई मित्रों को पहले ही बता दिया था। मुंबई में पिछले साल ब्लागर मीटिंग के दौरान मौजूद कई ब्लागरों को गंदी लड़की ब्लाग के जरिए एक प्रयोग करने की बात बताई थी। आज जब आपने यह पोस्ट प्रकाशित की है, तो मुझे लगा कि सच्चाई बता देना चाहिए। इन दिनों भड़ास4मीडिया पर व्यस्तता के चलते गंदी लड़की तो छोड़िए, भड़ास ब्लाग तक पर समय नहीं दे पाता हूं। उम्मीद है मेरी भावनाओं को समझेंगे।
आभार के साथ
यशवंत