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16.10.11

"शशि शेखर " एक मजबूर इन्सान...!

http://www.livehindustan.com/news/editorial/guestcolumn/article1-story-57-62-196222.html


इस दुनिया को बदल जाना चाहिए

शशि शेखर


शशि शेखर जी , लिखा आपने अच्छा है , प़र अख़बार के एक कोने में 


लिखने मात्र से यह दुनिया बदलेगी नहीं , दुनिया को बदलने के लिए 


बहुत कुछ करना पड़ेगा , जो आप चाह कर भी नहीं कर पाएंगे , इसे आप


भी अच्छी तरह समझतें हैं



प़र आप अपने पाठकों को सच बता नहीं सकते , क्यूंकि "शशि शेखर " 



एक मजबूर इन्सान है , इसलिए नहीं शशि शेखर कमज़ोर दिमाग का 


मालिक है बल्कि इस लिए कि वह इस अख़बार के  एक वेतनभोगी 


नौकर है , मालिक नहीं .


हाँ  आप अपने पाठकों को कुछ समय तक भुलावे में ज़रूर रख सकते है 


 आप में बहुत कुछ  करने का माद्दा है , प़र यह सब आप का दिखावा मात्र 


 है .


कब तक आप इस तरह का छलावा करते रहेंगे ?

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