जी हाँ मै उसी तवान्ग की बात कर रहा हुँ जहाँ पर १९६२ मे हमारे जवानो ने चीन से मुह खायी थी और पीछे हटे थे, और वही गलती फिर से दुहराई जा रही है फर्क सिर्फ ईतना है की उस समय नेहरु जी की कृपा दृष्टी रही ईस बार देश के सारे नेताओ की बडी खुशी हुई थी की हमारे प्रधानमन्त्री जी चीन से आते ही अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया लेकिन चुक गये, चीन तकनीकी दृष्टिकोण से कभी नही कहा की हमे पुरा अरुणाचल प्रदेश चाहिये ब्लकि सिर्फ तवान्ग पर ही अपना हक जताया और हमारे प्रधानमन्त्री महोदय तवान्ग छोड सभी जगहो की यात्रा की और पुरी तरह से चीन के दावे को आधार प्रदान किया, तवान्ग न जा करहमारी देश की नीति उत्तर पुर्व के प्रति शुरु से ही गलत रही है आज भी हम चीनी तैयारीयों के मुकाबले कही नही टिक सकते चाहे वो मुलभुत ढाचे का विकास का मामला हो या सैन्य तैयारीयो का हर दृष्टिकोण से हम कोसो पीछे है चीन से आज भी अगर आप यहाँ के सीमा क्षेत्र से अगर विदेश फोन करते है तो नम्बर कोड चीन का दिखता है उनके सैनिको की तैयारीयाँ देख कर ए के एण्टोनी जी भी घबरा गये हमारे सारे के सारे साजो सामान १९वी सदी के है और हम २१वी सदी के महाशक्ती से लडने का ख्वाब सजो रहे है सबसे बडे दु:ख की बात यह है की तवान्ग के लोग आज भी चीन के कृपा दृष्टी के उपर जीने को मजबुर है, सामान्य जीवन की सारी मुलभुत चीजे उन्हे चीन से आसानी से प्राप्त हो जाते है जबक अपने देश से काफी कठिनाईयों से हमे यह नही भुलना चाहिये की ३० प्रतिशत उर्जा सिर्फ अरुणाचल प्रदेश से आती है और बहुत सारे गैस के खादान एवम पानी के ढेरो स्त्रोत यहाँ पर मौजुद है चीन इस बात को बखुबी समझता है, और उसने मैकमोहन लाईन से सटे और दक्षिण तवान्ग के पास एक विशाल हवाई अड्डे का निर्माण आरम्भ कर दिया है जो कि अगले साल तक पुरी हो जायेगी उसके बाद उनके लिये सैन्य साजो सामन को लाना एकदम आसान हो जायेगा और जबकी हम आज भी अरुणाचल से तवान्ग पहुचने मे कई दिनो का सफर तय करते हैहमारे देश के राष्ट्रीय कोष से सिर्फ ६००० से ७००० हजार करोड दिया जाता है जो की पुरी तरह से नाकाफि है मै सिर्फ ईतना हि कहना चाहता हुँ कि ईतने कम पैसे मे आप हास्पिटल,रोड और संचार सुविधा नही प्रदान कर सकतेहमारे देश के सरकारी ईन्जीनियर्स कहते है की हम मैकमोहन लाईन के पास रोड नही बना सकते क्योकि यह बहुत हि दुर्गम क्षेत्र है और वही पर चीन सिर्फ ३ हफ्ते मे ३० किलोमीटर की रोड दक्षिण मैकमोहन लाईन के पास तैयार कर लेता है वो भी तब जब अंग्रेजी हुकुमत थी जहाँ तक अंग्रेजो ने रेल की पटरीया बिछाई आज भी वही तक ही है तो क्या हमे आजादी मिलने के ईन ६० सालो के बाद मे से सिर्फ एक साल का भी रेलवे बजट उत्तर पुर्व के लोगो को कुछ विशेष नही दे पाया शर्म आनी चाहीये हमारे बजट निर्माताओ को, और वही चीन उन्हे हर सुविधा प्रदान करने को तैयार है मेरा नमन है उत्तर पुर्व के लोगो पर जो ईतनी उपेक्षा के बावजुद भी अपने आप को भारतीय कहते है आज भी हमे ईन क्षेत्रो मे जाने के लिये विशेष अनुमति की जरुरत होती है अभी तक न जाने कितने तरह के विशेष प्रतिबन्ध ये लोग झेल रहे है बावजुद ईसके ईनका दिल अपने देश के लिये वैसे ही धडकता है जैसे आपका और हमाराआज भी हमारे देश के बहुत कम ही लोग तवान्ग और ईसके आस पास के क्षेत्रो को जानते है ईसका दोष मै आज के मिडियाकर्मीयो को देना चाहुगा जो दिन रात ईस चक्कर मे पडे रहते है की कब राखी सावंत का दिल टुटे और ये लोग उसे जोडे.............
पाकिस्तान का लेख अगली बार....
अब तो जागो !!!!!
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5 comments:
धीरज भाई,क्या हम सब लोग वैचारिक विकलांगता का शिकार हैं या कुच और बात है कि मुद्दे देख कर भी बस बकबकाते हैं क्यों कुछ सार्थक नहीं हो रहा ?
मैं कहता हूं कि हमें उन जगहॊं को क्या सारे मुल्क को भूल जाना चाहिए क्योंकि अपने कुछ मित्र ही कहते हैं सुधार का ठेका पत्रकारों ने नहीं ले रखा है we are in news buisiness...
ऐसे लोगों से क्या उम्मीद करेंगे कि "पतनात त्रयते इति पत्रकारः" परिभाषा है सही पत्रकार की....
नेहरु खानदान का ये देश है उनको जो मन करेगा वो सब करेगें आप कौन होते हो बेलने बालो।
अगर बुरा लगे तो देश छोड़ कर चले जाओ। लेकिन जाओगे कहाँ हिन्दुस्तान के सिवाय आपका देश कौन सा है बता देना।
नेहरु खानदान का ये देश है उनको जो मन करेगा वो सब करेगें आप कौन होते हो बेलने बालो।
अगर बुरा लगे तो देश छोड़ कर चले जाओ। लेकिन जाओगे कहाँ हिन्दुस्तान के सिवाय आपका देश कौन सा है बता देना।
Kash yahan indra Gandhi jeisi neta dowara peida hoti to is hindustan ka kuch ho sakta hai. Nahru ho ya gandhi desh ka kuch bhi bhala kar k nahi gaye hai upar. Sardar patel b aaj zinda hote to hame yah din nahi dekhtna padta. Neta ji k bare me b yahan ki government ko saap sung jata hai.
Kash yahan indra Gandhi jeisi neta dowara peida hoti to is hindustan ka kuch ho sakta hai. Nahru ho ya gandhi desh ka kuch bhi bhala kar k nahi gaye hai upar. Sardar patel b aaj zinda hote to hame yah din nahi dekhtna padta. Neta ji k bare me b yahan ki government ko saap sung jata hai.
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