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3.3.08

एक आम आदमी के हैसियत के करीब है भड़ास

राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर जनपदीय सम्मान से सम्मानित वरिष्ठ कवि अशांत भोला और वर्ष ०७ के साहित्य अकादमी अवार्ड से पुरस्कृत प्रदीप बिहारी
''भड़ास'' पर आज हम आपको दो ऐसी शाख्शियत से रु-ब-रु कराने जा रहे हैं जिन्होंने उत्तर पूर्व बिहार को उपेक्षित कह कर खारिज करने वालों के कथित मिथक को तोड़ कर बुलंदी की एक नयी नींव डाली है जिसकी बुनियाद की ताकत लिए हम युवा समाज को कलम के माध्यम से एवं संगठन के माध्यम से अपने-अपने स्तर से दूर रह कर भी संवेदनाओं को झकझोरते हैं,निदान तलाशते हैं और कहीं जा कर हम संतुष्ट होते हैं।
राष्ट्रकवि दिनकर जनपदीय सम्मान प्राप्त अशांत भोला .....न सिर्फ़ मुख्यालय बल्कि आंचलिक क्षेत्र के जनप्रिय ,वरिष्ठ,संवेदनशील,सरल,सहज,फकिराना ख्याल और सारगर्भित मंतव्यों से लबरेज कविवर को बेगुसराय की नयी पीढ़ी के संरक्षक के रूप में ''गुरुदेव'' के रूप में चर्चित यह व्यक्ति अपने जीवन में किए गए संघर्षों एवं उत्कट जीवत के लिए किसी प्रेरणास्रोत से कम नही है। अपना सर्वस्व न्योछावर कर साहित्यिक विरासत को सहेजने की मंशा लिए यह शख्स शोषितों,पीडितों एवं वंचितों को अपने कलम से जागरूकता का पाठ पढाने के लिए तो क्रित्संकल्पित है ही इस व्यक्तित्व को बेगुसराय की नयी पत्रकार पीढ़ी को मार्गदर्शन देने का भी गौरव प्राप्त है।
प्रदीप बिहारी.......भारतीय स्टेट बैंक में वारिस्थ सहायक के तौर पर कार्यरत श्री बिहारी और उनकी अर्धांगिनी मेनका मल्लिक की साहित्यिक सेवा से कहीं ज्यादा सामाजिक सरोकार एवं जुझारू व्यक्तित्व की प्रवृति के कारण इस वर्ष के मैथिली साहित्य में विशिष्ट योगदान एवं ''सरोकार'' पुस्तक के लिए साहित्य अकादमी अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इस व्यक्ति की रचनाएँ तल्ख़ सच्चाई को स्वाभाविक रूप से उकेरती नजर आती है तो प्रत्येक पंक्ति के शब्द सर्वहारा वर्ग को संबल,सुकून और प्रेरणा देता प्रतीत होता है।
हम सभी भडासी बेगुसराय के इन गौरवों को ह्रदय से बधाई देते हुए उनके जीए गए पलों से कुछ सिखने की प्रेरणा लेने का शपथ लेते हैं ताकि जो जहाँ हों वहीं अपनी उर्जा से विकृत समाज को सार्थक स्वरुप प्रदान करने की मुहीम चलाया जा सके। तो प्रस्तुत है गुरुदेव अशांत भोला की यह रचना जो एक आम आदमी की हैसियत को इस रूप में व्याख्या करता है:-
आम आदमी की हैसियत
टूटी हुई चारपाई पर औंधा पडा
उन्घ्ता हुआ वह बुढा आदमी
मेरा अपाहिज बाप है
जो दमे से हांफता रात-रात भर जागता
बलगम के चकते थूकता
खांसता रहता है
..........................
ओसारे पर एक कोने में
मैले-कुचले वस्त्रों से लिपटी
दुबकी बैठी औरत
मेरी माँ है
जिसके सूखे ताल की तरह
गढ़धे में धंसी
आंखों की रौशनी
छीन गयी है
मोतियाबिंद की मरीज है
....................................
दरवाजे पर उदास-उदास खडा
पूरे पाँच फीट नौ इंच का
लंबा चौरा मायूस नौजवान
वह मेरा बेरोजगार बेटा है
जो सुबह से शाम तक
नौकरी की टोह में
मारा-मारा फ़िर रहा है
............................
आँगन में सलीके से बैठी
अपनी मासूम उन्ग्लिओं के सहारे
रोज-रोज सुई धागों से
दुपट्टे पे पैबंद तान्क्ती
अपने उघार जिस्म को
धांकने का असफल प्रयास करती
झील सी बड़ी-बड़ी आंखों वाली
वह खूबसूरत लड़की
मेरी कुँवारी बेटी है
जो दहेज़ के आभाव में
आज कई वर्षों से मेरे सर पर बोझ सी पड़ी है
................................................
घर की चाहरदीवारी में कैद
अभावग्रस्त नियति को झेलती
बासी रोटी की तरह रूखे-सूखे चेहरे पर
ताजा होने का एहसास दिलाती
तार-तार और तंग साडी वाली
वह मासूम महिला
मेरी बीबी है
जो टी बी की मरीज
होते हुए भी
बगैर इलाज जीने को विवश है
...........................................
अब मैं अपने बारे में सोचता हुं
टटोलने लगा हुं
अपना वजूद और
पाता हुं अपने को
एक आम आदमी की हैसियत के करीब
.....................................................
जय भडास
जय यशवंत
मनीष राज बेगुसराय

3 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

मनीष भाई,ऐसे लोगो से मिलवाते रहा करिए । ईश्वर से इनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना है ...
जय भड़ास
जय यशवंत
जय मनीषराज
जय क ख ग घ
जय च छ ज झ
..........
..........
जय क्ष त्र ज्ञ
जय A B C....Z
पर हर हाल में जय जय भड़ास

SANJEET KUMAR said...

MANISH JI JAB BHI AAP BEGUSARAI KI BAAT KARTE HAI TO KAFEE ACHA LAGTA HAI ISI TARAH SE BEGUSARAI KE NAKSE KO DUNIYA KE NAKSE MAI LAYE,AAPSE APEKSHA HAI KEE AAP BEGUSARAI SE JUDI UN BAATO PAR BHI LIKHE JINHE HAR PATRKAR TRP LAYAK NA JAAN KAR CHHOR DETA HAI.HAMEE VISWAS HAI KEE AAP COMMENT SE NIRASH NA HONGE AUR COMPLIMENT KO APNEE MAZBUTEE BANAIYGE,THANKS----------APPURAJ,TV ANCHOR & REPORTER

Anonymous said...

APPU BHAI AAP JAISE LOGO KE KARAN HI TO SAHAS MILTA HAI HAM BHADASION KO...APKA ADESH SAR ANKHON PAR JANAB.