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26.3.08

रवीन्द्र स्वप्निल प्रजापति की कविताएँ

देर तक सोना चाहता हूँ

पापा मत कहो कि सुबह हो गई है
मुझे देर तक सोना है
खिड़कियाँ खोल दो और चले जाओ
मुझे स्कूल की याद मत दिलाओ

हवा आएगी और मेरे कान पकडेगी
किरने बिस्तर में आकर गुदगुदाएंगी
मैं जाग जाऊँगा
माँ मुझे दुबका रहने दो

स्कूल की बेल बजे तो खिड़की मे किताब रख देना
हवा पढ़ लेगी और मैं सुन लूंगा अपना पाठ
मुझे कोई भी जल्दी मत जगाना
आज मैं देर तक सोना चाहता हूँ .



लड़का जाग रहा है

धीरे-धीरे लड़का जाग रहा है
धीरे-धीरे लड़का देख रहा है
लड़का सूरज जैसा है
लाल-लाल हँसते अंगारों जैसा

तिरछी आंखों से देख रहा है
कड़वा मुंह लेकर दांतों में ओठ दबाये है
लड़का जाग रहा है
अकेला-अकेला घूम रहा है
इस शहर की एक गली मे है
गुस्से से भरा हुआ
अपने ही हाथों की नीली नसों मे सिमट रहा है

अपने पैरों को ठोक रहा है
टूट रहा है चटक रहा है
खाली हाथों को कमरे की दीवारों पर मार रहा है
यह लड़का तड़प रहा है
यह भारत का लड़का है .

(चर्चित युवा कवि रवीन्द्र विदिशा के हैं . अभी भोपाल मे अख़बार मे काम करते हैं , पहले मास्टरी करते थे , मन नही लगा तो छोड़कर कुछ दिन आकर दिल्ली मे भांड भी झोका और दिल उचटा तो भोपाल चले गए वैसे भोपाल मे पहले भी आलू-प्याज बेचा है . खाने मे मुर्गे का मांस और पीने मे बियर पसंद करते है , जब भी थोडी सी पीते है , ग़ालिब इन्हे बहुत याद आते है . इनका मोबाइल -०९८२६७८२६६०). हाँ शादी -शुदा है , इसलिए लड़कियां इन्हे फोन न करें , इनकी प्रेमिका सह बीबी भी कविताएँ लिखती हैं और खूब लिखती हैं )

5 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

प्रभु,मनीषा दीदी फोन करेंगी तो चलेगा न ...

Unknown said...

manisha didi ko to km se km fon krna hi chahiye....badhaee de den...

sushant jha said...

काश..मैं लड़की होता...तो पक्का फोन करता...कविता ने दिल चुरा लिया....

Anonymous said...

HARE DADA...MAJA AA GAYAA.RAVINDRA JI KO BHADAS PAR LAA KAR AAPNE TO HILA DIYA BHAIJAAN.

Anonymous said...

hare ji, badhai. ravindra ji ko lane ki liye. aanand aa gaya. bahut accha likhte hai. ravindra ji jitne acche lekhak hai utne hi acche insaan...sahaj or saral. agar aap unse pahli baar milai to samajh hi nahi payegi ki wo itne acche kavi bhi hai. dhere dhere unki gahrai ka pata calta hai.
vaise wo shadeesuda hai to kya hua har shadeesuda ki tarah unhe bhi ladkiyon se taref sunna pasand hai.blog par unki or kavitain dekhna hai to ladkiya phone kar hi dain.