आज तक लोग इस बात पर सवाल खड़ा करते थे कि हम लोग खुद ही अपने मुंह मियां मिट्ठू बन कर भड़ास को धरती ग्रह का सबसे बड़ा हिन्दी का कम्युनिटी ब्लाग बताते रहते हैं लेकिन जरा देखिये कि "विस्फोट" वाले संजय दादा तो इस बात को कब का दुनिया के सामने ला चुके हैं अगर आप ने नहीं देखा है तो देख लीजिये। ए भिड़ू लोग जास्ती खुस होने का नईं, सक्सेस मिल जाती है पन उसको हैन्डल करना भारी काम है तो अबी भरपेट लिखते रैने का,क्या अझुन बोलूं क्या???
"प्रमोद सिंह अजदक 101 वें नंबर पर हैं यह तो बताया रवि रतलामी ने लेकिन यह नहीं बताया कि हिन्दी साईटों की रैंकिंग में कौन सा ब्लाग है जो सबसे पहले आता है. तो जनाब वह है भड़ास. एलेक्सा की रैंकिंग में 64 वें नंबर पर. हिन्दी साईटों में भड़ास नारद जैसे एग्रीगेटरों से ही बाजी नहीं मार गया है बल्कि याहू हिन्दी को भी पछाड़ गया है. याहू हिन्दी की रैंकिंग है 68.यशवंत के बाद एलेक्सा की नजर में दूसरा सबसे सक्रिय ब्लाग है हिन्दयुग्म. हिन्दयुग्म भड़ास से थोड़ा ही पीछे है और उसकी एलेक्सा रैंकिंग है 66. अरे हां, मोहल्ला भी पीछे नहीं है. एलेक्सा की नजर में मोहल्ला की रैंकिगं है 79. तो कौन कहता है विवाद फायदेमंद नहीं होते. यशवंत सिंह और अविनाश दोनों को खुश होना चाहिए कि डालर मिले न मिले रैंकिंग तो बढ़ी. आप हिन्दी की टाप 100 साईटों में शामिल हैं यह क्या कम बड़ी बात है."
Posted by संजय तिवारी on Tuesday, March 4, 2008 at 1:10 AM
----"देवभाषा" से सप्रेम आभार सहित
21.4.08
अपुन लोग साला नंबर वन है बाप !!!! जय जय भड़ास.......
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6 comments:
इनकलाब भडास। लिखते रहो, पढते रहो, बढते रहो, लडते रहो, उगलते रहो भडास।
इनकलाब भडास। लिखते रहो, पढते रहो, बढते रहो, लडते रहो, उगलते रहो भडास।
रूपेश भाई,
मुझे नहीं लगता विवाद एकमात्र या सबसे बड़ा कारण है भड़ास के अव्वल बनने का जैसा कि संजय तिवारी जी के पोस्ट से मुझे लगा. मेरी मति कहती है कि भड़ास की सफलता का सबसे बड़ा कारण है "अगर आपके गले में कोई बात अटक गयी हो तो उसे उगल डालिए " का अक्षरशः पालन करने की चेष्टा. मेरे जैसे लोग विवाद की वजह से नहीं जुड़े हैं, भड़ास से . वे इसलिए जुड़े हैं कि भड़ास ने उन्हें अटकी हुई को उगलने का मौका दिया. बहरहाल भड़ास को बधाई और इस तरह से अपने को भी बधाई. साथ ही संजय जी को कोटिशः धन्यवाद इस उत्साह बढ़ाने वाली ख़बर को हम तक पहुचाने के लिए.
वरुण राय
रूपेश भाई,
मुझे नहीं लगता विवाद एकमात्र या सबसे बड़ा कारण है भड़ास के अव्वल बनने का जैसा कि संजय तिवारी जी के पोस्ट से मुझे लगा. मेरी मति कहती है कि भड़ास की सफलता का सबसे बड़ा कारण है "अगर आपके गले में कोई बात अटक गयी हो तो उसे उगल डालिए " का अक्षरशः पालन करने की चेष्टा. मेरे जैसे लोग विवाद की वजह से नहीं जुड़े हैं, भड़ास से . वे इसलिए जुड़े हैं कि भड़ास ने उन्हें अटकी हुई को उगलने का मौका दिया. बहरहाल भड़ास को बधाई और इस तरह से अपने को भी बधाई. साथ ही संजय जी को कोटिशः धन्यवाद इस उत्साह बढ़ाने वाली ख़बर को हम तक पहुचाने के लिए.
वरुण राय
rupesh ji jaankar khushi ho rahi hai ki bhadad jyada se jyada logo tak apni pahunch bana raha hai .aapko aur sabhi bhadasiyo ko dhero badhi.
par ish blog me jo ek baat mujhe suru se khatakti rahi hai aur khatak bhi rahi hai ki yaha par abhadra shabdo ka pryog kuch jyada hi ho raha hai . shyaad isliye ki dil me bhadas hai par agar hum bhi auro ki tarha ho jaye to fark kya unme aur hum me.
ya na samajiyega ki mai aapko salha de rahi hun .bas dil me ek bhadas thi so nikal di.
rupesh ji jaankar khushi ho rahi hai ki bhadad jyada se jyada logo tak apni pahunch bana raha hai .aapko aur sabhi bhadasiyo ko dhero badhi.
par ish blog me jo ek baat mujhe suru se khatakti rahi hai aur khatak bhi rahi hai ki yaha par abhadra shabdo ka pryog kuch jyada hi ho raha hai . shyaad isliye ki dil me bhadas hai par agar hum bhi auro ki tarha ho jaye to fark kya unme aur hum me.
ya na samajiyega ki mai aapko salha de rahi hun .bas dil me ek bhadas thi so nikal di.
kamlabhandari(tanu)
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