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1.4.08

बुढाऊ के नाम

अरे वाह वाह हमर मित्र के लिखल कविता दो गो बुजुर्ग के नीक लागल बा। मजा आ गवा ।
वैसी डॉक्टर साब का बताये नाम्बर्वे नही है वैसे भी नही टू बड़े भाई से बत्वा टू कर ही लेते ।

बुरा ना मनो अप्रिल फूल बा हो

6 comments:

Anonymous said...

रजनीश भैया नंबर बता दो न पिलिज ,कम से कम बतिआते तो सही.

Anonymous said...

अर्ररे मनीष भइया किसका नम्बर बता देन इ तो बतैबे नही किए
नही तो हम जरुर बता देते ...........

माफ़ करियेगा का करें आज भूले नही पा रहे हैं की आज मूर्ख दिवस है उ का कहे की हमारा दिन है ना
हा हा हा हा हा हा

जय भडास
जय भडास

Anonymous said...

ऐ भाई जी हमका बुरबक बुझते हो का ....हमरा तोहार नंबर चाहि ....हमरा कुछ्छो न बस हाउ चाहि
हाउ बोले तो तोहार नंबर हो भाई.

Anonymous said...

मनीष भाई ,
हाउ बोले तो हमार नंबरवा ९८२३८३५१९७ बा हो.
अब ला दे ही देली

अपन नंबर सहो दे दिह ।

क्या करें आज मशखरी ही सूझ रही है वैसी बढाई जल्दी से कलकत्ता से आनेवाले पाहून से मिल लीजिये।
साधुवाद।

Anonymous said...

भाया अब सही रास्ते पे आया ...तो ले लियो मेरा मोबाइल नंबर ०९८५२३८०९१५

हरे प्रकाश उपाध्याय said...

kya bhadasi sanvad hai...jio,jio