खबर है कि एनडीटीवी के आउटपुट एडीटर अविनाश दास अब इस संस्थान के हिस्से नहीं रहे। वे कहां गए हैं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। अविनाश दास मशहूर ब्लागर हैं और वे मोहल्ला नामक चर्चित ब्लाग के माडरेटर हैं। एनडीटीवी प्रबंधन ने अभी आधिकारिक रूप से अविनाश दास के बारे में कोई बात नहीं कही है पर एनडीटीवी के सूत्रों का कहना है कि.....
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18.6.08
अविनाश दास की एनडीटीवी से विदाई
Posted by यशवंत सिंह yashwant singh
Labels: अविनाश, एनडीटीवी, प्रमोशन, भड़ास4मीडिया, मीडिया हलचल
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10 comments:
yaswantji , ye aap logo ka badappan hai es mauke par jeetne ka halla karne ke bajay sanyat bhasha me es soochna ko de diya. es tarike ne mujhe prbhavit kiya. god bless u bhadaies
deepti bansal
जैसी करनी वैसी भरनी....
आप लोगों से अपील है कि बीती ताहिं बिसार दे, आगे की सुध लेहिं के सिद्धांत पर चलें और जो पराया लगे, उसे भी गले लगाकर अपनाते चले। अविनाश जी सीनियर जर्नलिस्ट हैं। वे जल्दी ही कहीं अच्छी जगह तैनात मिलेंगे। पत्रकार की जिंदगी में ये सब क्षण आते जाते रहते हैं। ये बेहद मामूली बात है और इसके आधार पर किसी हार जीत जैसी बात करना ओछी मानसिकता है। अविनाश जी का एनडीटीवी से जाना भड़ास और भड़ास4मीडिया के लिए एक सामान्य खबर व सूचना भर है, इसे कृपया इतना ही समझा जाए और इससे अलग अर्थ न लगाया जाए। मैं बेनामी बंधुओं और भड़ासी साथियों से अपील करता हूं कि कृपया आगे की तरफ देखें, लुक फारवर्ड। छोटी मोटी घटनाएं होती रहती हैं, उनसे परे हटकर, उनसे परे सोचकर ही हम कुछ नया कर सकते हैं। एनर्जी को पाजिटिव दिशा में चैनलाइज किया जाना चाहिए।
जय भड़ास
यशवंत
अविनाश को निकलवाकर तुम लोगों को क्या मिला.....सोचो जरा....
यशवन्त जी बधाई हो आपको,हम मान गए भैया आप को और आप की टीम को जिसने यह कमाल कर
दिखाया है। आपके और अविनाश के बीच लडाई हर ब्लागर को पता है लेकिन लडाई की असली बजह क्या रही है यह शायद किसी को पता नही। हो सकता है यह ब्यक्तिगत भी हो ,खैर मुद्दा लडाई की वजह का नही है मेरा मुद्दा आपकी नायाब चाल को लेकर है आप ने उन्हे चैनल से खदेडवाने मे अहम भूमिका निभाया और आप आज उनके साथ उनके दुख मे सामिल खडे दिखाई दे रहे है। प्रसिद्ध तानाशाह हिटलर के मन्त्री गोयबल्स का विश्वास था की किसी झूठं बात को सच के रूप मे दिखाने के लिए सौ बार कहा जाय तो झूठ भी सच के रूप मी सामने आता है। शायद यह भी भडास के तानाशाह का प्रयोग हो।
शेष फ़िर कभी......
उमेश कुमार सोनी
www.cgno.net
दादा,लोगों ने कसम खा रखी है कि हमें हर हाल में बुरा ही कहेंगे तो उन भले आदमियों में से एक हैं उमेश कुमार सोनी जी जो कि अनाम कमेंट कर रहे हैं और नाम भी दे रहे हैं कुल मिला कर बहुत से लोग चाहते हैं कि हम लोग बस बुरे ही बने रहें। अरे ndtv नहीं तो क्या अविनाश भूखों मरेंगे? अपनी योग्यता के आधार पर कहीं न कहीं अच्छी जगह कुछ दिन बाद चमकते नजर आयेंगे ही,लोग एक खबर को व्यर्थ ही बतंगड़ का रूप देना चाहते हैं
डा. साब अभिवादन स्वीकारें।
मेरा मानना है की आप भी उतने ही भोले बन रहे है जितने यशवन्त भाई। क्या आप यह उम्मीद कर रहे है की जो आपकी ताकत है उसका सेहरा किसी और के सिर बांधा जाय। लोग अपने ही मूल स्वरूप मे अच्छे लगते है न की बहुरूपिया बनकर। आप लोग अपने उसी रूप मे जाने पहचाने जाएंगे जैसा लोगो ने ब्लाग के जरिए जाना। बुराई से लडते हुए।जिस बात से आप लोगो की प्रशंशा होनी चाहिए वह है आप लोगो संगठन क्षमता। दूसरी आप लोगो ने एक प्रयोग कर यह बता दिया है की अपना हित साधना हो तो सती को वेश्या कहने मे कोई हर्ज नही। सती किस-किस को सफ़ाई देगी और भीड के बिरुद्द कौन जायगा। अविनास इसमे क्या थे ए तो आप लोग ही जाने।
रही बात अनाम कमेंट करने की तो यह आरोप आपका सही हो सकता है क्योकी पहले वाले कामेंट पर आपकी नजरे इनायत नही हुई थी जहां मै अपने पुरखो तक का परिचय देकर कामेंट भेजा करता था।
अब मै क्षमा मागंते हुए अपने भडासी भाईयो के बीच हूं।
उमेश कुमार सोनी,
बिलासपुर छत्तीसगढ,
स्थानीय सांध्य दैनिक "प्रजाशक्ति"
09424168870
साथ मे www.cgno.net जो हैकरो की मेहरबानी हैक हुआ था उसे फ़िर तीन दिन से सवांर रहा हूं।
शेष फ़िर कभी....
अविनाश ने कहा है कि एनडीटीवी में ही हैं। लेकिन आपको एक बात बता देता हूं कि वे सिर्फ 15 जुलाई तक ही एनडीटीवी में हैं। पत्रकारिता की दुनिया के खिलाड़ अविनाश पर पिछले कई महीनों से नॉन परफॉर्मेंस की तलवार लटक रही थी। ब्लॉगिंग वे भले ही अच्छी कर लेते हैं - लेकिन टीवी में वे कोई जलवा नहीं दिखा पा रहे थे। लिहाजा उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया है। लेकिन खिलाड़ी अविनाश ने आलोक मेहता को पटा लिया है और वे 16 जुलाई को नई दुनिया ज्वाइन करेंगे। ये खबर सौ फीसदी सही है।
दद्दा,
अविनाश कहां जा रहे हैं ये सूचना सोनी जी ने दे दी संग ही लानत मलानत भी, अरे बडे भाई हम तो किसी का बुरा चाह ही नही सकते खुद सबसे बडे बुडे ओर चुतियों की जमात जो हैं। भैये हमे तो बस इतना ही कहना है कि हमे हमारे कार्य से मत भटकाओ साथ ही हमारे ओछे चरित्र को चरित्रवान मत बनाओ, बाकी "ना काहु से दोस्ती ना काहु से बैर" हुमे बस हमारा कार्य करने दो।
जय जय भडास
रजनीस जी ,आभार
आप जिस महान कार्य को अंजाम दे रहे होंगे उसमे आप सफ़ल हो ऎसी मेरी कामना है॥ रही बात आप को राह से भटकाने की तो मुझे नही लगता की आप मिट्टी के ढेले होंगे जो बारिस मे घुल जांए। आप पत्थर बने रहे, जिसका "पानी" से कोई सरोकार नही होता। हां यह जरूर है की हमी जैसे लोग पत्थर को देवता मान पूजने लगते है। और भईये हमारी क्या औकात की किसी को चरित्रवान बनाए। क्या चूतिया क्या पाखंडी हमारे लिये सब बराबर है जिनका यथा योग्य सम्मान हमारा धर्म है।
शेष फ़िर कभी.....
उमेश सोनी
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