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30.8.08

पहचानो देशद्रोहियों को अब......

जब से बम धमाको के मुजरिम पकडे गए है तभी से कुछ नेताओं को ये हज़म नहीं हो रहा की सिमी पर रोक लगी रहे .इसलिए ये कभी बजरंग दल और कभी दुर्गा वाहिनी पर रोक लगाने की करते है.हमारे इन नेताओं के होते हमें दुश्मनों की जरुरत ही नहीं है क्यूंकि उनका सारा काम ये यहीं बैठ कर कर रहें है.मैं इनको पूछना चाहता हूँ की बजरंग दल और दुर्गावाहिनी पर रोक लगे न लगे....क्या सिमी पर रोक लगाना गलत है?अगर नहीं तो इनको मालूम नहीं की इनके ऐसे बयानों से देश का कितना नुकशान हो रहा है?-रजनीश परिहार,बीकानेर

3 comments:

Asha Joglekar said...

bilkul sahi kaha hai Simi par rok hi nahi uske sare kary wahon ko karan batao notice jaree karna chhiye ki kyun na unke sanstha ko band kiya jaye ?

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

भाई,असल में ये सुअर राजनेता जानते हैं कि जनता चूतिया है सब जान कर भी बकलोल की तरह पीछे आने वाली है क्योंकि हम किसी की जाति के हैं किसी के धर्म के और किसी की भाषा बोलते हैं, देशद्रोहियों को तो देश आजाद होते समय से पहचान लिया गया है लेकिन क्या कुछ उखाड़ा किसी ने...

Anonymous said...

मित्र,
देशद्रोही की जमात की बात करें तो अव्वल श्रेणी की गिनती में राजनेता से लेकर अफसरशाह और यहाँ तक की न्यायपालिका भी शामिल हो जाती रही है, कार्य इनका गवाह है की इन्होने कैसे कैसे कार्य को अंजाम दिया मगर ये हमारे करता धरता हैं, चाहे गोधरा हो या अयोध्या या फ़िर भागलपुर या जस्टिस आनंद सिंह , बोफोर्स या फ़िर ताबूत देश के नुमाइंदे ने जमकर देश को लुटा और कानून और संविधान की खिल्ली उडाते रहे, जात धर्म कौम से परे देशद्रोही में कोण शामिल न होगा, वैमनस्यता की आग पर रोटी सेंकता हिन्दुस्तानी ही अपने आप में देशद्रोही बन गया है क्यूंकि सभी के मन में एक दुसरे के लिए परस्पर विरोधी भाव ही हैं, क्या नेता क्या मीडिया क्या न्याह्पालिका क्या अफसरशाह सभी इस दुर्भावना से ग्रस्त हैं सो आरोप प्रत्यारोप से परे अगर सिर्फ़ भारतीयता की बात करे तो वो देशद्रोही न हो. शेष सभी देशद्रोही ही हैं.
जय जय भड़ास