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17.8.08

कब तक हम विदेश भैजेगे अपने बच्चो को डक्टरी पढ़ाने ..?

इन दिनो देश के ढ़ेरो बच्चे डाक्टरी की शिक्षा पाने के लिये चीन , रूस आदि देशो की ओर जा रहे है . इससे जहां एक तरफ भारत को आर्थिक नुकसान हो रहा है वही लोगो को असाधारण असुविधा हो रही है . पर बचचो के सुखद भविष्य की कामना में लोग यह कदम उठाने को विवश है. ईन देशो से मेडिकल शिक्षित बच्चो को देश में प्रैक्टिस करने के लिये ima की एक परीक्षा पास करणी होती है .
यदि सरकार आर्थिक कारणौ से नये मेडिकल कालेज नही खौल पा रही है तो , निजी क्षेत्र को मेडिकल कालेज शुरू करने दे , इन कालेजो से पास बचचे ima की वही परीक्षा पास करके अपनी प्रैक्टिस कर सकते है .
देश की आबादी जिस तेजी से बढ़ रही है यदि मेदिकल कालेज नही खोले गये तो कुछ ही वर्षो में डाक्टर ढ़ूढ़े नही मिलेंगे .
क्या सोचते है आप?

1 comment:

Anonymous said...

विवेक जी,
जहाँ तक डॉक्टरों का सवाल है, आप निश्चिंत रहे क्यूंकि हमारे देश में डॉक्टरों का (लाला टाइप धंधे) अकाल कभी नही पड़ने वाला है और विदेश जाने वाले बच्चे लालागिरी करने की सिक्षा लेने ही जाते हैं, जहाँ तक डॉक्टरों का सवाल है सो हमारे देश में सच्चे डॉक्टरों का हमेशा से अकाक रहा है और उसका देश या विदेश से कोई सरोकार कभी नही रहा है.
और हाँ आप जब पोस्ट डालें तो अपने डैश बोर्ड में जाकर एक पोस्ट छोर कर बाकी हटा दें.
जय जय भड़ास