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1.9.08

सार्थक लोकतंत्र


चुटकी
"राजा" नटवर सिंह जब
दलित मायावती की
शरण में आतें हैं ,
तो भारत में लोकतंत्र
के मायने
सार्थक हो जाते हैं।
--गोविन्द गोयल, श्री गंगानगर

2 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

मुनिवर,ऐसी डरावनी तस्वीरें मत प्रकाशित किया करिये नन्हे-मुन्ने भड़ासी रात में डर कर भड़ास देखना बंद कर देंगे...:)

Anonymous said...

भाई रूपेश सही कह रहे हैं