राजस्थान का श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पाकिस्तान की सीमा पर है। यहाँ भी गत दो तीन सालों से मुंबई की तरह कई स्थानों पर गणपति की स्थापना होने लगी है। दो स्थानों पर तो मराठा मंडल,एक मुंबई का परिवार गणपति की स्थापना करते है। इनके अलावा एक राजस्थानी परिवार ने भी अपने यहाँ गणपति की स्थापना की। आज इस परिवार ने अपने बंधू बांधवों के संग गणपति की मूर्ति का विधि विधान से नहर में विसर्जन किया। घर से लेकर नहर तक परिजन गणपति की प्रतिमा के संग गणपति का जयघोस करते हुए गए। नहर किनारे उन्होंने गणपति की पूजा अर्चना आरती कर उसे नहर में प्रवाहित कर दिया। आज बल गंगाधर तिलक द्वारा आरम्भ किया गया गणेश उत्सव का यह सिलसिला यहाँ तक आ गया है। यह जितना धार्मिक है उतना सामाजिक भी। इसी बहाने भाई बंधू हर रोज़ मिल तो लेते हैं।
14.9.08
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3 comments:
agle baras tu jaldi aa...jai ganeesh deya.
agle baras tu jaldi aa...jai ganeesh deya.
मुनिवर,
शानदार सुचना है ये, देश के सभी ईलाके के लोग सभी का सम्मान करते हुए सभी के पर्व में शामिल हों तभी एकता में अनेकता कि बात चरितार्थ होती है.
जय जय भड़ास
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