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3.9.08

बिहार बाढ़: महान भारत का सच

पिछले सोलह दिनो से बिहार के सोलह ज़िले बाढ़ की मार झेल रहे हैं. और आज भी कम से कम 20 लाख लोग सुरक्षित स्थान की तलाश कर रहे हैं और लाखो लोग भुखे प्यासे पानी में ही रहने को मजबूर हैं।
यह हाल उस भारत के वासी का है जिस देश की आथिक प्रगति कुछ दिनो पहले तक दो अनकों में हो रही थी. और कहा जाता रहा है कि भारत एक सुपर पावर बनता जा रहा है।
जिस देश का रक्षा बजट एक लाख करोड़ से ज़्यादा का है. देश के पास परमाणु बम है. दक्षिण ऐशिया मे एक उभरता और सामरिक दृष्टीकोण से प्रमुख देश है।
उस देश के एक प्रांत की जनता का इस तरह से भुखे प्यासे बिलबिलाने पर मजबुर हुई है वह तरस खाने के लायक है।
सरकारी सहायता पर एक नज़र डाले तो चमकते और सुपर भारत की सच्चाई सामने आ जाऐगी.कुल प्रभावितो कि संख्या 40 लाख, सुरक्षित स्थान की तलाश में फंसे लोगे कि संख्या 20 लाख।
सहायता के लिए 11 हेलिकॉप्टर लगाए गऐ है जो खाद्यसामग्री के पाकेट गिरा रहे हैं. मान लिया जाए के 20 लाख लोगो को ही खाने का पाकट गिराना हो तो एक हेलीकॉप्टर को कम से कम 181000 लोगो का खाना गिराना होगा, आप बताऐ क्या यह एक हेलीकाप्टर के लिए मुमकिन है।
लोगो को निकालने के लिए के डेढ़ सौ मोटर बोट और 1400 नाव लगाए गए हैं. यानी 20 लाख लोगो को सुरक्षित स्थान पर पुहंचाने के लिए के सिर्फ 1550 नाव.यानी एक नाव से लगभग 1300 लोगो को निकालने का काम किया जा रहा है. जबकि एक नाव से एक समय में 20- 25 लोगो को निकाला जा सकता हैं।
सेना कि 20 टुकरियॉ बचाव कार्य पर लगाई गई हैं। एक टुकरी में ८० फोजी होते हैं ऐसे में ४० लाख लोगो के लिए १६०० फौजी, वाह रे सहायता।
आप बताए क्या यही सुपर और महान भारत है?

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