वक्त भी देखो भाई
क्या क्या खेल दिखाता है,
जो कल तक था
मिस्टर १०% वह
प्रेजिडेंट बन जाता है।
--गोविन्द गोयल,श्रीगंगानगर
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
Posted by गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर
Labels: वक्त का खेल
1 comment:
गोविंद गोयल जी
बहुत बढ़िया हैं आपकी चुटकियां। चुटकियों में आप तो बड़े बड़ों को मसल दे रहे हैं। इसी तरह मसलते रहिए। आप एक नई शैली और बेहद मारक शैली से हम लोगों को रूबरू करा रहे हैं।
यशवंत
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