ऐ खुदा
इंसानियत , ईमान , खुद्दारी ,इज्ज़त ,एहतराम
को दाखिल किताबी कर दे
इस ज़माने में सिर्फ इतना कर दे
दूसरो की ख़ुशी अपनी सी लगे
और उसके गम हमें ग़मगीन कर दे
ऐ खुदा सिर्फ इतना कर दे
8.9.08
ऐ खुदा
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अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
ऐ खुदा
इंसानियत , ईमान , खुद्दारी ,इज्ज़त ,एहतराम
को दाखिल किताबी कर दे
इस ज़माने में सिर्फ इतना कर दे
दूसरो की ख़ुशी अपनी सी लगे
और उसके गम हमें ग़मगीन कर दे
ऐ खुदा सिर्फ इतना कर दे
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