गंभीर पर १ टेस्ट का बैन जारी रहेगा आईसीसी का इस प्रकार का फरमान भारतीय उपमहाद्वीप के देशों के लिए कोई नया नहीं है जब भी ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ कोई खिलाडी अच्छा खेल रहा होता है तो ऑस्ट्रेलिया षड़यंत्र रच कर उसके पीछे पड़ जाता यही गौतम गंभीर के संग हुआ इससे पहले भी आस्ट्रेलियन ऐसा कर चुके हैं पहले तेंदुलकर उनके निशाने पर हुआ करते थे अब गौतम गंभीर हैं और ताजा तरीन शिकार हैं लक्ष्मन जिन्होंने दोहरा शतक जड़ कर कंगारुओं के होश फ़ाक्ता कर दिए हैं आईसीसी का ये फरमान अपेक्षित था सभी को मालूम था क्रिकेट की ये सर्वोच्च संस्था नस्लवादी है उस का वर्डिक्ट कभी गोरे खिलाड़ी के विपक्ष मैं कभी नहीं जाता इस बार भी ऐसा ही हुआ है मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड जो ख़ुद कभी खिलाड़ी हुआ करते थे अपने समय मैं सबसे बदनाम थे आईसीसी का कोड ऑफ़ कंडक्ट अगर उस समय लागू हो जाता तो क्रिस ब्रॉड कभी क्रिकेट खेल ही नहीं पाते जहाँ तक आस्ट्रेलियन क्रिकेटरों की बात करें जिन्होंने इतिहास पढ़ा है वो अच्छी तरह से जानते आस्ट्रेलियन उन अंग्रजों की संताने हैं जिन्हें अंग्रेज सरकार द्वारा तड़ी पार भेज दिया जाता था तड़ी पार किन्हें भेजा जाता ये आप लोगों को पता ही होगा अतएव आस्ट्रेलियन से सद्भाव आचरण की उम्मीद करना बेकार है ऊपर से विडंबना ये आज हमारी युवा पीढ़ी उच्च शिक्षा के लिए वहां जाती है हमें ख़ुद इस समस्या का समाधान करना होगा नहीं तो ये भद्र जनों का खेल अभद्र लोगों के हाथ मैं होगा
5.11.08
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