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10.5.09

मां को समर्पित है सोम-रस


मैं अपने ब्लॉग सोम-रस मां को समर्पित कर रही हूँ क्योंकि माँ ने मुझे बहुत कुछ सिखाया, हर युद्घ में मेरी ढाल बनी हैं, मेरी बुराइयों को अच्छाईयों में बदलने की कोशिश करती रहीं है और हमेशा यहीं सपना आँखों में लिए विदा होगी कि मैंने एक अच्छा इंसान इस धरती पे पैदा किया था ....

2 comments:

Unknown said...

maa toh hai maa, maa toh hai maa,
maa jaisi duniya me hai koi kahan

RAJNISH PARIHAR said...

sahi kaha aapne maa hamesha santan ko achha hi banana chahti hai....santan ki tarakki me hi use khushi milti hai..