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14.5.09

उन्हें काली क्यों कहा जाता है?


विनय बिहारी सिंह

प्रचलित मूर्तियों में मां काली का रंग काला दिखाया जाता है। लेकिन जिन संतों ने उनका जीवंत दर्शन किया है जैसे- रामकृष्ण परमहंस, परहमहंस योगानंद, रामप्रसाद सेन आदि, उनका कहना है कि मां काली काले रंग की नहीं हैं। तो फिर उन्हें काली क्यों कहा जाता है? उनका कहना है कि चूंकि वे काल को नियंत्रित करती हैं, इसलिए उन्हें काली कहा जाता है। मां काली के वश में है काल। इसीलिए तो उनके भक्त कहते हैं- मां मेरा हृदय, मेरी बुद्धि और मेरी आत्मा तुम ले लो और सिर्फ मुझे अपनी शुद्धा भक्ति दो, प्रेम दो। तो मां क्या उत्तर देती हैं? मां तो मां ही हैं। वे कहती हैं- पुत्र, सब कुछ तो तुम्हारा ही है। इस जगत में तुम पाठ सीखने आए हो। दुखों से घबराओ नहीं, परेशानियों से परेशान मत होओ और मन को उद्विग्न मत होने दो। सब कुछ भूल जाओ और मुझे याद करो। मैं तो तुम्हारे प्रेम की भूखी हूं। तुम जब शुद्ध मन से मुझे याद करोगे तो मैं तुम्हारे पास मौजूद रहूंगी।

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