(उपदेश सक्सेना)
मनमोहनसिंह सरकार का मंत्रिमंडल 'शिव बारात' जैसा प्रतीत होने लगा है. मंत्रियों की आपसी खींचतान और धींगा मस्ती के चलते नित नए विवाद सुर्ख़ियों में आते रहते हैं. पी चिदंबरम, शरद पवार,ममता बैनर्जी, एसएम कृष्ण,वीरभद्र सिंह, विलासराव देशमुख, गुलामनबी आज़ाद,कमलनाथ, मुरली देवड़ा, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, सीपी जोशी, कुमारी शैलजा, एमएस गिल, एमके अलागिरी, श्रीप्रकाश जायसवाल, जयराम रमेश, शशि थरूर यह नाम केंद्रीय मंत्रिमंडल के उन सदस्यों के हैं जो सरकार की परेशानियों का सबब बनते रहे हैं. शशि थरूर अब तक कई मौकों पर सरकार को मुश्किल में दाल चुके हैं. अब वे दिल की पिच पर क्लीन बोल्ड होने को तैयार हैं. अब वे "एक्सटर्नल अफेयर्स" मंत्रालय के छोटे मुखिया हैं तो वेसा ही काम भी तो करेंगे?
उनकी महिला मित्र सुनंदा पुष्कर के साथ उनकी अंतरंगता के किस्सों से भरे पड़े अखबारों में यह लव-स्टोरी चटकारे लेकर छापी जा रही है. थरूर पहले से दो शादियाँ कर चुके हैं, पहली पत्नी से तलाक़ हो चुका है, दूसरी कतार में हैं और तीसरी को लाने की उनकी पूरी तैयारी है. दिल कई लोगों पर एकसाथ भी आ सकता है, यह थरूर ने साबित कर दिया है. अब जब किसी के पास नाम हो-काम हो-धन दौलत हो तो दिल का मचलना लाजिमी है. थरूर पहले ट्विटर पर अपनी पोस्ट को लेकर चर्चाओं में बने रहे. कभी उन्होंने विमानों की इकोनामी क्लास को कैटल क्लास बताया था.ताज़ा मामले में एक पात्र ललित मोदी भी हैं, हालांकि वे इस लव स्टोरी का तीसरा कोण नहीं हैं, मगर उन्होंने धमाका कर ही दिया कि, सुनंदा की कोच्ची आईपीएल टीम खरीदने में रूचि रही है, और इसमें थरूर का पैसा लगा है. अब मोदी जो कद के छोटे हैं ने यह ऐसा दांव चला है कि थरूर कसमसा कर रह गए हैं. वैसे मोदी भी दूध के धुले नहीं हैं, पिछले दिनों आईपीएल के एक मैच के बाद में हुई पार्टी में उनके एक विदेशी महिला हस्ती के साथ "राधा-कृष्ण" की छवि जैसे फोटो से तमाम अखबार भरे पड़े थे. थरूर के पास बात संभालने को यह तर्क हो सकता है कि उनके मंत्रालय का नाम और काम ही "एक्सटर्नल अफेयर्स" है तो वे तो केवल अपना काम ही आगे बढ़ा रहे हैं.
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