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15.8.10

हुआ - हुआ चिल्लाओ और आजादी मनाओ - वाह रे देशभक्तों =========================================


आज  सब लोग एक दूसरे को "  आजादी की   मुबारकवाद     "  दे रहे है , नाच गा रहे हैं , पर मैंने  किसी को इस तरह  की  मुबारकवाद नहीं दी , इसकी वजह ये है क़ि इस देश में सिर्फ ताकतवर लोग ही आजाद हैं .पहले  राजाओं  के गुलाम थे , फिर मुगलों  के आधीन रहे , इस के बाद अंग्रेज आये और हमने उनकी गुलामी मंजूर कर ली , और जब कहने को हमें अंग्रेजों से मुक्ति मिली तो हम  अब आधुनिक   राजाओं ( एम् एल ए  / एम् पी  और मंत्रिओं क़ि गुलाम हो गए . हर जिले में विभिन्न  पार्टिओं  के छोटे छोटे  राजा , फिर उन क बडे राजा बन गए और अब हम उनकी गुलामी कर रहे हैं .


 इस के अलावा  इन सब के पुलिस  , अफसरान  की  अपनी अलग अलग हुकूमत है .काहे की आजादी  , हाँ हम आजाद है रोने के लिए , आप रोइए जम के ,  कोई आप को रोकने नहीं आएगा , न पूछेगा क़ि तुम क्यों रो रहे हो ? 
एक  बात ज़रूर है क़ि आजादी के नाम पर आज खुल   के हंस लो वरना बाकी के  ३६४ दिन  शायद  खुल  के हंसने को  भी न मिले .

आज आजादी है   गुंडों , लुटरों , माफियाओं को  जो जब चाहें   जिसे लूट लें , मार डालें  , आजादी है  उन  बेईमान लोगो को  जब चाहें  सरकारी खजाने  से मनमाना  पैसा निकाल कर खा जाएँ और सालों साल  किसी को खबर तक न लगे ,क्या या यही है आजादी ? 

आज  दुख इया बात का है क़ि लोग   भेडिया  धसान  हो गये है , कोई एक चिल्लाता है  और सब उस क पीछे हुआ -हुआ कर कर  चिल्लाने  लगते है , बिना सोचे समझे  क़ि क्या  सही है और क्या गलत है .

आज सब सारा देश जल रहा है , कश्मीर , झारखंड , छतीसगढ़  , बंगाल , उडीसा सब जगह  हमारे जवान  मारे जा रहे है , और हम सब आजादी क़ि हुआ - हुआ चिल्ला रहे हैं , कभी किसी ने सोचने की कोशिश की  है क़ि हमारे जवानों का क्या कसूर 
है , जो बे मौत  मरीय जा रहें है , क्या बीती  होगी  उन जवानों  के  परिजनों पर ?

नहीं आज इस सब को सोचने क़ि जरुरत कोई नहीं समझता  , क्यूंकि  हम सब हुआ -हुआ चिल्लाने के आदी हो चुकें है .

6 comments:

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

जो जन्मों जन्मों से कंगले थे, नेता बन मालोमाल हुए
सम्मान भी इनका होने लगा, धन-दौलत से पामाल हुए
मोटर-गाडी, नौकर-चाकर, सब सुविधा से खुशहाल हुए
देश जाए चाहे रसातल में, पर ये तो आज निहाल हुए
इनका सब काम निराला हुआ, जबसे आजादी आई है
ये नेताओं की कौम ही है, जिसने आजादी पाई है!!

honesty project democracy said...

बिलकुल सही बात कही आपने सब गिदर हैं और अपने-अपने में मस्त हैं ,ऐसे लोगों के रहते आजादी मिल ही नहीं सकती ...जो डर गया समझो वो मर गया ..

Anonymous said...

यही नंगी हकीकत है।

sanu shukla said...

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!!


http://iisanuii.blogspot.com/2010/08/blog-post_15.html

RAJENDRA said...

हुआ हुआ चिल्लाने के अलावा और कुछ सिखाया ही नहीं इसीलिये तो जनता महान है वत्स जी ने अच्छी टिप्पणी दी है शिक्षा की जो दुर्गति शासन ने की है वह किस से छुपी है

Anonymous said...

लगता है बाबा जी रामदेव को ज्यादा देख लिया है, आपने |